शुकसारिका प्रलापन कला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
प्रिया (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:39, 25 मई 2010 का अवतरण ('जयमंगल के मतानुसार...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। तोता-मैना आदि अन्य पक्षियों को बोली सिखाना की कला।