साँचा:साप्ताहिक सम्पादकीय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी
Court-of-nand.jpg

दोस्ती-दुश्मनी और मान-अपमान
      ऐसा कैसे हो सकता है कि न कोई मित्र है और न कोई शत्रु है ? न कोई मान है, न कोई अपमान है ! मित्र तो मित्र होता है, शत्रु तो शत्रु होता है। जो मित्र है, वह शत्रु कैसे हो सकता है और जो शत्रु है, वह मित्र कैसे हो सकता है ? ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख काम की खुन्दक · बस एक चान्स !