सच है ! सन्देह का काम नहीं है -शिवदीन राम जोशी

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सच है, संदेह का काम नहीं है।
ये असंतजन, संत रूप में, क्या ये शठ बदनाम नहीं है।।
ठगते रहते नदी ज्यो बहते, ये क्यों थकी हैं कहते-कहते।
माया पूंजी जोड़ जोड़ कर, देखे सुबह शाम नहीं हैं।।
सिद्ध बने फिरते है सारे, देखो तो इनके मुख कारे।
इनको पता चलेगा कैसे, क्यौकि इनमें राम नहीं है।।
टीवी देखे फोन लगाकर, कारें घूमें बीगुल बजाकर।
कहे शिवदीन भरत खंड भारत, क्या ये पीते जाम नहीं हैं ।।
चेली बाबाओं के सौदे, बेटा एक नहीं, यें दो दे।
हाय ! असाधुन की यह टोली, प्रगट कोई भी वाम नहीं हैं।।

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