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भारतकोश सम्पादकीय-आदित्य चौधरी
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चौकोर फ़ुटबॉल
             ये दुनिया जितनी भी तरक़्क़ी कर रही है वह पहली श्रेणी वाले लोगों के कारण कर रही है और दुनिया में व्यवस्था संभालने का ज़िम्मा उनका है जो दूसरी श्रेणी के लोग हैं, अब रह जाते हैं तीसरी श्रेणी के लोग... तो आप ख़ुद ही सोच सकते हैं कि वे किस श्रेणी में आते हैं। ये लोग होते हैं चौकोर फ़ुटबॉल। ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख शाप और प्रतिज्ञा · यादों का फंडा