अंगूर

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अंगूर स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी फल है। अंगूर फलों में सर्वोत्तम एवं निर्दोष फल है, क्योंकि यह सभी प्रकार की प्रकृति के मनुष्य के लिए अनुकूल है। निरोग के लिए अंगूर उत्तम पौष्टिक खाद्य है तो रोगी के लिए बलवर्धक भोजन है। जब अंगूर भोजन रुप, में न दिया जा सके तब मुनक्का का सेवन किया जा सकता है। अंगूर की रंग और आकार तथा स्वाद की भिन्नता से कई किस्में होती है। काले अंगूर, बैगनी रंग के अंगूर, लम्बे अंगूर, छोटे अंगूर, बीज रहित, जिनकी सुखाकर किशमिश बनाई जाती है। काले अंगूरों को सूखाकर मुनक्का बनाया जाता है।

अंगूर स्वस्थ मनुष्य के लिए पौष्टिक भोजन है और रोगी के लिए शक्तिप्रद पदार्थ है। जिन बड़े-बड़े भयंकर और जटिल रोगों में किसी प्रकार का कोई पदार्थ जब खाने-पीने को नही दिया जाता तब ऐसी दशा में अंगूर या दाख दी जाती है। अंगूर अकेला खाने पर लाभ करता है, किसी अन्य वस्तु के साथ मिलाकर इसे नही खाना चाहिए।

अंगूर में कई महत्वपूर्ण तत्व भी भरपूर मात्रा में मौज़ूद होते हैं। अंगूर में पाई जाने वाली शर्करा पूरी तरह से ग्लूकोज से बनी होती है, जो कुछ किस्मों में 11 से 12 प्रतिशत तक होती है और कुछ में 50 प्रतिशत। यह शर्करा शरीर में पहुँचकर एनर्जी प्रदान करती है। इसलिए इसे हम एक आदर्श टॉनिक की तरह प्रयोग में लाते हैं। अंगूर का सेवन थकान को दूर कर शरीर को चुस्त-फुर्त व मजबूत बनाता है।


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