अवभृथ:

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अवभृथ: [अव+भृ+कथन]

1. मुख्य यज्ञ की समाप्ति पर शुद्धि के लिए किया जाने वाला स्नान-भुवं कोष्णेन कुण्डोघ्नी मेध्येनावभृथादपि[1]

2. मार्जन के लिए जल

3. अतिरिक्त यज्ञ जो पूर्वकृत मुख्य यज्ञ की त्रुटियों की शांति के लिए किया जाता है, सामान्य यज्ञानुष्ठान-स्नातवत्यवभृथे ततस्त्वयि[2]


समस्त पद-स्नानम्‌ (नपुंसक लिंग) यज्ञानुष्ठान की समाप्ति पर किया जाने वाला स्नान।[3]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रघु. 1/84, 9/22, 11/31, 13/61
  2. शि. 14/10
  3. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 120 |

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