अवमर्ष:

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अवमर्षः (पुल्लिंग) [अव+मृप्+घञ्]

1. विचारविमर्श, आलोचना

2. नाटक की पाँच मुख्य सन्धियों में से एक-यत्र मुख्यफलोपाय उद्भिन्नो गर्भतोऽधिकः, शापाद्यैः सान्तरायश्च सोऽवमर्ष इति स्मृतः।[1]; 'विमर्ष' भी इसी को कहते हैं।

3. आक्रमण करना[2]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सा.द. 366
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 120 |

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