मातृ दिवस

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मां को खुशिया और सम्मान देने के लिए पूरी जिंदगी भी कम होती है। फिर भी विश्व में मां के सम्मान में मदर्स डे अर्थात मातृ दिवस मनाया जाता है। `मदर्स डे' विश्व के अलग - अलग भागों में अलग - अलग तरीकों से मनाया जाता है। परन्तु मार्च माह के दूसरे रविवार को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। हालांकि भारत के कुछ भागों में इसे 19 अगस्त को भी मनाया जाता है, परन्तु अधिक महत्ता अमरीकी आधार पर मनाए जाने वाले `मदर्स डे' की है, अमेरिका में यह दिन इतना महत्वपूर्ण है कि यह एकदम से उत्सव की तरह मनाया जाता है। इसी तरह आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ग्रेट ब्रिटेन आदि जगहों पर हर बच्चा मां के प्रति श्रद्धा व सेवा करने में गौरवान्वित होता है। मातृदिवस का इतिहास सदियों पुराना एवं प्राचीन है। यूनान में बंसत ऋतु के आगमन पर रिहा परमेश्वर की मां को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं सदी में इग्लैण्ड का इसाई समुदाय ईशु की मां मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए यह त्योहार मनाने लगा। `मदर्स डे' मनाने का मूल कारण समस्त माओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उसकी महान भूमिका को सलाम करना है।

वर्तमान में नौ मई को मनाए जाने वाले मदर्स डे वास्तव में युद्धों की विभीषिका से जुड़ा है। प्रथम महायुद्ध और उससे पहले फ्रांसीसी क्रुसुइन युद्ध की विभीषिका को देखकर महसूस किया कि दुनिया को ऐसे भीषण समय में सिर्फ कोई बचा सकता है तो मां की ममता। मां की ममता में ही वह शक्ति छिपी है, जो महायुद्धों से दुनिया को बचाकर उसे सुंदरतम बनाएगी। इस भावना के साथ 1907 में फिलाडेल्फिया की सुश्री लुलिया वर्ड ओवे एवं सुश्री एना जार्विन ने अपनी मां अन्ना मारिया रीव्स जारविस के नाम पर अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे मनाया। उन्होंने तत्कालीन सरकारी पदाधिकारियों और व्यवसायियों को 100 से भी ज्यादा पत्र लिखकर एक दिन मां के नाम करने का निवेदन किया। 10 मई 1908 को अन्ना की मां की तीसरी पुण्यतिथि पर श्रीमति जारविस की याद में मदर्स डे मनाया गया। 8 मई, 1914 में अन्ना की कठिन मेहनत के बाद तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और मां के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तीकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तब से हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।

एक अलग कहानी के अनुसार अमरीका में एक कवयित्री और लेखिका जूलिया वार्ड होव ने सन् 1870 में 10 मई को माँ के नाम समर्पित करते हुए कई रचनाएँ लिखीं और तभी से दुनियाभर में मातृ दिवस मनाया जाने लगा। तथा धीरे - धीरे मदर्स डे पूरे विश्व में मनाया जाने लगा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ