एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"अग्नि-2 मिसाइल" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "श्रृंखला" to "शृंखला")
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
<references/>
 
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==
 
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==  
+
==संबंधित लेख==
[[Category:प्रक्षेपास्त्र]][[Category:थल सेना]][[Category:विज्ञान कोश]]
+
{{प्रक्षेपास्त्र}}
 +
[[Category:थल सेना]]
 +
[[Category:प्रक्षेपास्त्र]]
 
[[Category:समाचार जगत]]
 
[[Category:समाचार जगत]]
 +
[[Category:भारतीय सेना]][[Category:विज्ञान कोश]][[Category:गणराज्य संरचना कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

11:28, 3 अगस्त 2014 का अवतरण

अग्नि-2 मिसाइल

अग्नि-2 मिसाइल भारत की परमाणु क्षमता से लैस एक प्रमुख मध्यम दूरी की मिसाइल है। परमाणु क्षमता से सम्पन्न इस मिसाइल का परीक्षण सोमवार के दिन उड़ीसा के 'व्हीलर आईलैंड' के 'इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज' से 17 मई, 2010 को किया गया था। इस मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर तक है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।

परीक्षण

इस मिसाइल के परीक्षण के लिए चांदीपुर और धमारा के एकीकृत परीक्षण रेंज (आई.टी.आर.) से तैयारी की गई थी। सेना की विशेष सामरिक कमांड फ़ोर्स ने 'रक्षा अनुसंधान विकास संगठन' (डी.आर.डी.ओ.) और आई.टी.आर. के सहयोग से इस मिशन को पूरा करने की ज़िम्मेदारी थी। लॉच कांपलेक्स चार से रेल मोबाइल प्रणाली द्वारा सुबह सवा नौ बजे मिसाइल का परीक्षण किया गया। रक्षा सूत्रों के अनुसार समन्वित परीक्षण रेंज से मिसाइल का परीक्षण किया गया। अग्नि-2 मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है। अग्नि-2 इंटरमीडिएट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल (आई.आर.बी.एम.) को इससे पहले ही भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की साजो-सामान की मदद से सेना के सामरिक बल कमान ने सोमवार को परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान मिसाइल के पूरे मार्ग पर कई अत्याधुनिक रडारों, टेलमेट्री प्रेक्षण, इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरण और बंगाल की खाड़ी में निशाने के पास खड़े एक प्रेक्षण जहाज़ से नज़र रखी गई।

मिसाइल की विशेषताएँ

रक्षा सूत्रों के अनुसार अग्नि श्रंखला की सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-2 मिसाइल की मारक क्षमता 2,000 किलोमीटर से अधिक है। एडवांस्ड सिस्टम्स लैब द्वारा देश में ही विकसित अग्नि-2 मिसाइल 21 मीटर लंबी, एक मीटर चौड़ी और दो चरणों वाली ठोस ईंधन संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है। इसका वजन 17 टन है। यह एक टन वजन (1000 किलोग्राम) का पेलोड अपने साथ ले जाने में सक्षम है। अग्नि दो का विकास डी.आर.डी.ओ. की प्रयोगशालाओं और 'भारत डायनेमिक्स', हैदराबाद के साथ मिलकर एडवांस्ड सिस्टम प्रयोगशाला ने किया है। यह मिसाइल अग्नि सीरीज का एक हिस्सा है, जिसमें 700 किमी मारक क्षमता वाले अग्नि-एक और साढ़े तीन हज़ार किलोमीटर की मारक क्षमता वाले अग्नि-तीन शामिल हैं। अग्नि-2 का सबसे पहला परीक्षण 11 अप्रैल, 1999 में किया गया था। लेकिन इसके बाद यह कुछ परीक्षण मानकों पर खरी नहीं उतर पाई थी। उपयोग में लाने से पहले व्हीलर्स से किया गया 19 मई, 2009 और 23 नवंबर, 2009 का रात में किया गया परीक्षण सभी मानकों पर खरा नहीं उतर पाया था।

समाचार

9 अगस्त, 2012 गुरुवार

अग्नि-2 मिसाइल का सफल परीक्षण

भारतीय सेना ने 9 अगस्त, 2012 को परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ओडिशा के व्हीलर द्वीप स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आई.टी.आर.) से इसका प्रक्षेपण किया गया। अग्नि शृंखला की यह मिसाइल 2000 किमी तक मार कर सकती है। सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का प्रक्षेपण, आइटीआर के लांचिंग काम्प्लेक्स-4 में रेल मोबाइल प्रणाली से गुरुवार को सुबह 8:48 किया गया। स्वदेशी ज्ञान-कौशल से निर्मित यह मिसाइल 21 मीटर लम्बी तथा 1 मीटर चौड़ी है। इसका वजन 17 टन है। यह अपने साथ 1000 किग्रा वजन तक के विस्फोटक ढोने की क्षमता रखती है। यह दो स्तर के ठोस ईंधन द्वारा संचालित होती है। डी.आर.डी.ओ. की मदद से सेना के सामरिक बल कमांड ने इसका परीक्षण किया। अग्नि- 2 का पहला परीक्षण 11 अप्रैल, 1999 को किया गया था।

समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख