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[[चित्र:Albert-Hall-Museum-Jaipur.jpg|[[अल्‍बर्ट हॉल जयपुर|अल्‍बर्ट हॉल संग्रहालय]], जयपुर<br /> Albert Hall Museum, Jaipur|thumb]]
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[[चित्र:Albert-Hall-Museum-Jaipur.jpg|अल्‍बर्ट हॉल संग्रहालय, [[जयपुर]]<br /> Albert Hall Museum, Jaipur|thumb]]
 
शहर के सर्वाधिक सुन्‍दर उद्यान [[रामनिवास बाग]] में यह भवन निर्मित किया गया है रामनिवास बाग का निर्माण महाराजा [[सवाई रामसिंह]] ने अकाल राहत कार्यो के अन्‍तर्गत 4 लाख रू; की राशि व्‍यय कर करवाया था। महाराजा सवाई रामसिंह ने ही सन 1876 में [[ब्रिटेन]] के महाराजा एडवर्ड सप्‍तम प्रिन्स आफ वैल्‍स के रूप में [[भारत]] आने के समय यादगार के रूप में अल्‍बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्‍भ किया। भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। [[भारतीय शैली|भारतीय]] व [[फारसी शैली]] में बनी इस भव्‍य इमारत में इस समय [[संग्रहालय]] संचालित किया जा रहा है। संग्रहालय में प्रदर्शित को देखकर पर्यटक प्रदेश की संस्‍कृति की एक झांकी पा सकते हैं।
 
शहर के सर्वाधिक सुन्‍दर उद्यान [[रामनिवास बाग]] में यह भवन निर्मित किया गया है रामनिवास बाग का निर्माण महाराजा [[सवाई रामसिंह]] ने अकाल राहत कार्यो के अन्‍तर्गत 4 लाख रू; की राशि व्‍यय कर करवाया था। महाराजा सवाई रामसिंह ने ही सन 1876 में [[ब्रिटेन]] के महाराजा एडवर्ड सप्‍तम प्रिन्स आफ वैल्‍स के रूप में [[भारत]] आने के समय यादगार के रूप में अल्‍बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्‍भ किया। भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। [[भारतीय शैली|भारतीय]] व [[फारसी शैली]] में बनी इस भव्‍य इमारत में इस समय [[संग्रहालय]] संचालित किया जा रहा है। संग्रहालय में प्रदर्शित को देखकर पर्यटक प्रदेश की संस्‍कृति की एक झांकी पा सकते हैं।
  

08:37, 25 मई 2010 का अवतरण

अल्‍बर्ट हॉल संग्रहालय, जयपुर
Albert Hall Museum, Jaipur

शहर के सर्वाधिक सुन्‍दर उद्यान रामनिवास बाग में यह भवन निर्मित किया गया है रामनिवास बाग का निर्माण महाराजा सवाई रामसिंह ने अकाल राहत कार्यो के अन्‍तर्गत 4 लाख रू; की राशि व्‍यय कर करवाया था। महाराजा सवाई रामसिंह ने ही सन 1876 में ब्रिटेन के महाराजा एडवर्ड सप्‍तम प्रिन्स आफ वैल्‍स के रूप में भारत आने के समय यादगार के रूप में अल्‍बर्ट हाल का निर्माण प्रारम्‍भ किया। भवन की वास्तुनियोजन सर स्विंटन जैकब द्वारा की गयी। भारतीयफारसी शैली में बनी इस भव्‍य इमारत में इस समय संग्रहालय संचालित किया जा रहा है। संग्रहालय में प्रदर्शित को देखकर पर्यटक प्रदेश की संस्‍कृति की एक झांकी पा सकते हैं।