अहमदनगर

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अहमदनगर


स्थापना

अहमदनगर नगर, अहमदनगर ज़िले का प्रशासनिक मुख्यालय है, यह महाराष्ट्र राज्य, सीना नदी के किनारे, मुंबई (भूतपूर्व बंबई) के 210 किमी. पूर्व में स्थित है। प्राचीन यादव काल मे भीमार नाम से जाने जाते इस नगर पर 1490 में अहमदनगर राजवंश के संस्थापक मलिक अहमद निज़ाम शाह ने अपना अधिकार स्थापित किया। बाद में यह मुग़लों, मराठों और अंग्रेज़ों द्वारा शासित हुआ।

इतिहास

अहमद नगर निज़ामशाही सुल्तानों की राजधानी थी जिन्होंने 1490 ई॰ में दक्खिन में बहमनी सल्तनत की एक नयी शाखा की स्थापना की। अहमद नगर की स्थापना इस वंश के पहले सुल्तान अहमद निज़ामशाह ने की। अकबर ने जब इस पर हमला किया तो चाँद बीबी ने उसकी सेनाओं का डट कर मुकाबिला किया, परन्तु अंत में अकबर की विजय हुई। 1637 ई॰ में बादशाह शाहजहाँ ने अहमद नगर को मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया और उसके बाद इस नगर का महत्व घट गया। यह अब भी एक बड़ा नगर है और इसी नाम के ज़िले का मुख्यालय है।

यातायात और परिवहन

मुंबई, पुणे (भूतपूर्व पूना) और शोलापुर से सड़क व रेलमार्ग से जुड़ा है।

कृषि और खनिज

आसपास के क्षेत्रों का मुख्य पेशा कृषि है, लेकिन वर्षा की स्थिति अत्यन्त अविश्वसनीय होने के कारण खाद्यान्न की कमी एक चिरस्थायी समस्या है। बाजरा, गेहूं और कपास इस क्षेत्र की प्रमुख शुष्क फ़सलें हैं, जबकि गन्ना सबसे महत्वपूर्ण सिचिंत फ़सल है। उद्योगों में चीनी प्रसंस्करण तथा कपास ओटाई व गांठ बनाने का काम प्रमुख है।

उद्योग और व्यापार

यहाँ मुख्यतः सूती वस्त्र और चर्म-परिशोधन का उद्योग होता है। यह एक व्यावसायिक केन्द्र भी है।

शिक्षण संस्थान

इस नगर में पुणे विश्वविद्यालय से संबद्ध तीन महाविद्यालय हैं।

जनसंख्या

यहाँ की जनसंख्या (2001) 3,07,455 है।

पर्यटन

अहमदनगर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों में मुग़ल महल, बाग़ व अहमद निज़ाम शाह का क़िला है, जहाँ 1940 में पंडित नेहरु नज़रबंद रहे।