"इक सपना बना लेते -आदित्य चौधरी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
<div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>इक सपना बना लेते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | <div style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;"><font color=#003333 size=5>इक सपना बना लेते<small> -आदित्य चौधरी</small></font></div> | ||
---- | ---- | ||
− | + | |- style="text-align:center;" | |
− | + | | | |
− | + | {{#widget:YouTube|id=5_LCrAeuvM4}} | |
− | |||
− | {| | ||
|- | |- | ||
| | | | ||
− | + | <center> | |
− | + | <poem style="width:360px; text-align:left; background:#fff; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;"> | |
− | <poem style="background:#fff; border:1px solid #000; border-radius:5px; padding:10px; font-size:16px; color:#000;"> | ||
ज़रा सी आँख लग जाती तो इक सपना बना लेते | ज़रा सी आँख लग जाती तो इक सपना बना लेते | ||
ज़माना राहतें देता, तुझे अपना बना लेते | ज़माना राहतें देता, तुझे अपना बना लेते | ||
पंक्ति 30: | पंक्ति 27: | ||
तमन्नाओं के दरवाज़ों से आके देख ले मंज़र | तमन्नाओं के दरवाज़ों से आके देख ले मंज़र | ||
तेरी आमद जो हो जाती तो घर अपना बना लेते | तेरी आमद जो हो जाती तो घर अपना बना लेते | ||
− | |||
</poem> | </poem> | ||
− | + | </center> | |
− | |||
|} | |} | ||
10:54, 9 जुलाई 2017 का अवतरण
इक सपना बना लेते -आदित्य चौधरी
|
|
ज़रा सी आँख लग जाती तो इक सपना बना लेते |