"इतिहास सामान्य ज्ञान 17" के अवतरणों में अंतर

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{[[आर्य]] [[भारत]] में संभवतः कहाँ से आये थे?
 
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-[[यूरोप]] से
 
+मध्य [[एशिया]] से
 
-पूर्वी एशिया से
 
-अन्य क्षेत्रों से
 
 
 
{कौन-सा [[वेद]] अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?
 
{कौन-सा [[वेद]] अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?
 
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-[[अथर्ववेद]]  
 
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||[[चित्र:Yajurveda.jpg|right|100px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]'यजुष' शब्द का अर्थ है- '[[यज्ञ]]'। [[यजुर्वेद]] मूलतः कर्मकाण्ड [[ग्रन्थ]] है। इसकी रचना [[कुरुक्षेत्र]] में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यों की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि [[आर्य]] '[[सप्त सैंधव]]' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक [[पूजा]] के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के [[मंत्र|मंत्रों]] का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक [[पुरोहित]] करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यजुर्वेद]]
 
||[[चित्र:Yajurveda.jpg|right|100px|यजुर्वेद का आवरण पृष्ठ]]'यजुष' शब्द का अर्थ है- '[[यज्ञ]]'। [[यजुर्वेद]] मूलतः कर्मकाण्ड [[ग्रन्थ]] है। इसकी रचना [[कुरुक्षेत्र]] में मानी जाती है। यजुर्वेद में आर्यों की धार्मिक एवं सामाजिक जीवन की झांकी मिलती है। इस ग्रन्थ से पता चलता है कि [[आर्य]] '[[सप्त सैंधव]]' से आगे बढ़ गए थे और वे प्राकृतिक [[पूजा]] के प्रति उदासीन होने लगे थे। यर्जुवेद के [[मंत्र|मंत्रों]] का उच्चारण 'अध्वुर्य' नामक [[पुरोहित]] करता था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[यजुर्वेद]]
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{[[आर्य]] [[भारत]] में संभवतः कहाँ से आये थे?
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-[[यूरोप]] से
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+मध्य [[एशिया]] से
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-पूर्वी एशिया से
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-अन्य क्षेत्रों से
  
 
{'सभा और समिति [[प्रजापति]] की दो पुत्रियाँ थी', का उल्लेख किस [[वेद]] में मिलता है?  
 
{'सभा और समिति [[प्रजापति]] की दो पुत्रियाँ थी', का उल्लेख किस [[वेद]] में मिलता है?  
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||[[चित्र:Barley-1.jpg|right|120px|जौ की फ़सल]]'जौ' प्राचीन काल से ही उत्पन्न किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। [[संस्कृत]] में इसे 'यव' कहते हैं। [[रूस]], [[अमरीका]], [[जर्मनी]], कनाडा और [[भारत]] में यह मुख्यत: पैदा होता है। हमारे [[ऋषि|ऋषियों]]-[[मुनि|मुनियों]] का प्रमुख आहार [[जौ]] ही था। [[वेद|वेदों]] द्वारा [[यज्ञ]] की आहुति के रूप में जौ को स्वीकारा गया है। स्वाद और आकृति के दृष्टिकोण से जौ, [[गेहूँ]] से एकदम भिन्न दिखाई पड़ते हैं, किन्तु यह गेहूँ की जाति का ही अन्न है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जौ]]
 
||[[चित्र:Barley-1.jpg|right|120px|जौ की फ़सल]]'जौ' प्राचीन काल से ही उत्पन्न किये जाने वाले अनाजों में से एक है। इसका उपयोग प्राचीन काल से धार्मिक संस्कारों में होता रहा है। [[संस्कृत]] में इसे 'यव' कहते हैं। [[रूस]], [[अमरीका]], [[जर्मनी]], कनाडा और [[भारत]] में यह मुख्यत: पैदा होता है। हमारे [[ऋषि|ऋषियों]]-[[मुनि|मुनियों]] का प्रमुख आहार [[जौ]] ही था। [[वेद|वेदों]] द्वारा [[यज्ञ]] की आहुति के रूप में जौ को स्वीकारा गया है। स्वाद और आकृति के दृष्टिकोण से जौ, [[गेहूँ]] से एकदम भिन्न दिखाई पड़ते हैं, किन्तु यह गेहूँ की जाति का ही अन्न है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जौ]]
  
{प्राचीनतम व्याकरण ग्रंथ '[[अष्टाध्यायी]]' के रचनाकार कौन हैं?
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{निम्न में से कौन-सी [[स्मृतियाँ ग्रन्थ|स्मृति]] प्राचीनतम है?  
|type="()"}
 
-[[गौतम ऋषि|गौतम]]
 
-[[कपिल मुनि|कपिल]]
 
-[[पतंजलि]]
 
+[[पाणिनि]]
 
||'पाणिनि' [[संस्कृत]] व्याकरण शास्त्र के सबसे बड़े प्रतिष्ठाता और नियामक आचार्य थे। इनका जन्म [[पंजाब]] के 'शालातुला' में हुआ था, जो आधुनिक [[पेशावर]] ([[पाकिस्तान]]) के क़रीब तत्कालीन उत्तर-पश्चिम [[भारत]] के [[गांधार]] में था। इनका जीवनकाल 520-460 ईसा पूर्व माना जाता है। इनके व्याकरण को '[[अष्टाध्यायी]]' कहते हैं। 'अष्टाध्यायी' मात्र व्याकरण [[ग्रंथ]] नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाणिनि]]
 
 
 
{निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?  
 
 
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+[[मनुस्मृति]]  
 
+[[मनुस्मृति]]  
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-[[नारद स्मृति]]  
 
-[[नारद स्मृति]]  
 
-[[पाराशर स्मृति]]  
 
-[[पाराशर स्मृति]]  
||भारत में [[वेद|वेदों]] के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन ‘मनुस्मृति’ का ही है । इसमें चारों वर्णों, चारों आश्रमों, [[हिन्दू धर्म संस्कार|सोलह संस्कारों]] तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव हैं यह सब धर्म-व्यवस्था वेद पर आधारित है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मनुस्मृति]]   
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||[[भारत]] में [[वेद|वेदों]] के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन '[[मनुस्मृति]]' का ही है । इसमें चारों [[वर्ण व्यवस्था|वर्णों]], चारों [[आश्रम व्यवस्था|आश्रमों]], [[हिन्दू धर्म संस्कार|सोलह संस्कारों]] तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि उन सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है जो कि मानव मात्र के जीवन में घटित होने सम्भव हैं। यह सब धर्म-व्यवस्था [[वेद]] पर आधारित है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनुस्मृति]]   
 
 
{'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?
 
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+[[रामायण]]
 
-[[महाभारत]]
 
-[[गीता]]
 
-[[भागवत पुराण]]
 
||[[चित्र:Ramayana.jpg|रामायण|right|80px]] रामायण कवि [[वाल्मीकि]] द्वारा लिखा गया [[संस्कृत]] का एक अनुपम महाकाव्य है। इसके 24,000 [[श्लोक]] [[हिन्दू]] [[स्मृतियाँ|स्मृति]] का वह अंग हैं जिसके माध्यम से [[रघुवंश]] के राजा [[राम]] की गाथा कही गयी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[रामायण]]
 
  
{[[ऋग्वेद]] में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?
+
{[[थानेश्वर]] में [[वर्धन वंश]] की स्थापना किसने की थी?
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-[[सिन्धु नदी|सिन्धु]] 
 
+[[सरस्वती नदी|सरस्वती]]
 
-परुष्णी
 
-शतुद्रि
 
||[[चित्र:Saraswati-River.png|सरस्वती नदी|right|100px]]कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और [[ऋग्वेद]] में भी कहा गया है, कि हज़ारों साल पहले [[सतलुज नदी|सतलुज]] (जो [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] नदी की सहायक नदी है) और [[यमुना नदी|यमुना]] (जो [[गंगा नदी|गंगा]] की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी थी जो [[हिमालय]] से लेकर [[अरब सागर]] तक बहती थी। आज ये भूगर्भी बदलाव के कारण सूख गयी है। ऋग्वेद में, इस नदी सरस्वती को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी है। उस सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सरस्वती नदी]]
 
 
 
{ [[थानेश्वर]] में [[वर्धन वंश]] की स्थापना किसने की थी?
 
 
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-राज्यवर्धन
 
-राज्यवर्धन
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-नरवर्धन
 
-नरवर्धन
  
{ [[हर्षवर्धन]] प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद कहाँ पर सम्मेलन आयोजित करता था?
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{[[हर्षवर्धन]] प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद कहाँ पर सम्मेलन आयोजित करता था?
 
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-[[कन्नौज]]
 
-[[कन्नौज]]
-वल्लभि
+
-[[वैशाली]]
 
+[[प्रयाग]]
 
+[[प्रयाग]]
 
-[[थानेश्वर]]
 
-[[थानेश्वर]]
||प्रयाग में आत्मघात करने वाले को [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार जो योगी [[गंगा]]-[[यमुना नदी|यमुना]] के संगम पर आत्महत्या करके स्वर्ग को प्राप्त करता है, वह पुन: नरक नहीं देख सकता। प्रयाग में वैश्यों और शूद्रों के लिए आत्महत्या विवशता की स्थिति में यदा-कदा ही मान्य थी। किन्तु [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] और क्षत्रियों के द्वारा आत्म-अग्न्याहुति दिया जाना एक विशेष विधान के अनुसार उचित था। अत: जो ऐसा करना चाहें तो ग्रहण के दिन यह कार्य सम्पन्न करते थे, या किसी व्यक्ति को मूल्य देकर डूबने के लिए क्रय कर लेते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]
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||'प्रयाग' में आत्मघात करने वाले को [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार जो योगी [[गंगा]]-[[यमुना नदी|यमुना]] के संगम पर आत्महत्या करके स्वर्ग को प्राप्त करता है, वह पुन: नरक नहीं देख सकता। प्रयाग में [[वैश्य|वैश्यों]] और [[शूद्र|शूद्रों]] के लिए आत्महत्या विवशता की स्थिति में यदा-कदा ही मान्य थी, किन्तु [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] और क्षत्रियों के द्वारा आत्म-अग्न्याहुति दिया जाना एक विशेष विधान के अनुसार उचित था। अत: जो ऐसा करना चाहें तो ग्रहण के दिन यह कार्य सम्पन्न करते थे, या किसी व्यक्ति को मूल्य देकर डूबने के लिए क्रय कर लेते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]
  
{ [[कदम्ब वंश|कदम्ब]] राज्य के संस्थापक 'मयूरदर्शन' ने किसे अपनी राजधानी बनाया था?
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{[[कदम्ब वंश|कदम्ब]] राज्य के संस्थापक 'मयूरदर्शन' ने किसे अपनी राजधानी बनाया था?
 
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-[[बंगाल]]
 
-[[बंगाल]]
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-इनमें में से कोई नहीं
 
-इनमें में से कोई नहीं
  
{ किस संगमयुगीन [[चेर वंश|चेर]] शासक ने ‘पत्तिनी पूजा’ या ‘कण्णगी पूजा’ की प्रथा को प्रारम्भ करवाया था?
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{[[ऋग्वेद]] में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?
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-[[सिन्धु नदी|सिन्धु]] 
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+[[सरस्वती नदी|सरस्वती]]
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-[[परुष्णी नदी|परुष्णी]]
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-शतुद्रि
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||[[चित्र:Saraswati-River.png|सरस्वती नदी|right|100px]]कई भू-विज्ञानी मानते हैं और [[ऋग्वेद]] में भी कहा गया है कि हज़ारों साल पहले [[सतलुज नदी|सतलुज]], जो [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] नदी की सहायक नदी है, और [[यमुना नदी|यमुना]], जो [[गंगा नदी|गंगा]] की सहायक नदी है, के बीच एक विशाल नदी बहती थी, जो [[हिमालय]] से लेकर [[अरब सागर]] तक बहती थी। आज ये भूगर्भीय बदलाव के कारण सूख गयी है। ऋग्वेद में इस नदी सरस्वती को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी है। उस सभ्यता में [[सरस्वती नदी|सरस्वती]] ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरस्वती नदी]]
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{संगमयुगीन किस [[चेर वंश|चेर]] शासक ने 'पत्तिनी पूजा' या 'कण्णगी पूजा' की प्रथा को प्रारम्भ करवाया था?
 
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-कुट्टवन
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-[[पलयानैशेल्केलु कुट्टवन]]
-उदियनजेरल
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-[[उदियनजेरल]]
 
+शेनगुट्टुवन
 
+शेनगुट्टुवन
-नेदुनजेरल आदन
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-[[नेदुनजेरल आदन]]
  
{ संगम युगीन अंत्येष्टि सम्बन्धी कथन में कौन-सा असत्य है?
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{प्राचीनतम व्याकरण ग्रंथ '[[अष्टाध्यायी]]' के रचनाकार कौन हैं?
 
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-ताबूत में दफन करना
+
-[[गौतम ऋषि|गौतम]]
-दाह संस्कार करना
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-[[कपिल मुनि|कपिल]]
-सीधा दफन करना
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-[[पतंजलि]]
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+[[पाणिनि]]
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||'पाणिनि' [[संस्कृत]] व्याकरण शास्त्र के सबसे बड़े प्रतिष्ठाता और नियामक आचार्य थे। इनका जन्म [[पंजाब]] के 'शालातुला' में हुआ था, जो आधुनिक [[पेशावर]] ([[पाकिस्तान]]) के क़रीब तत्कालीन उत्तर-पश्चिम [[भारत]] के [[गांधार]] में था। इनका जीवनकाल 520-460 ईसा पूर्व माना जाता है। इनके व्याकरण को '[[अष्टाध्यायी]]' कहते हैं। 'अष्टाध्यायी' मात्र व्याकरण [[ग्रंथ]] नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाणिनि]]
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{संगम युगीन [[अंत्येष्टि संस्कार|अंत्येष्टि]] सम्बन्धी कथन में कौन-सा असत्य है?
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-ताबूत में दफ़न करना
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-[[अंत्येष्टि संस्कार|दाह संस्कार]] करना
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-सीधा दफ़न करना
 
+पक्षियों व जानवरों के लिए खुला छोड़ देना
 
+पक्षियों व जानवरों के लिए खुला छोड़ देना
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{निम्न में से किसे 'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?
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+[[रामायण]]
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-[[महाभारत]]
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-[[गीता]]
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-[[भागवत पुराण]]
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||[[चित्र:Ramayana.jpg|रामायण|right|100px]]'रामायण' कवि [[वाल्मीकि]] द्वारा लिखा गया [[संस्कृत]] का एक अनुपम [[महाकाव्य]] है। इसके 24,000 [[श्लोक]] [[हिन्दू]] [[स्मृतियाँ ग्रन्थ|स्मृति]] का वह अंग हैं, जिसके माध्यम से [[रघुवंश]] के राजा [[राम]] की गाथा कही गयी है। [[रामायण]] के सात अध्याय हैं, जो 'काण्ड' के नाम से जाने जाते हैं। [[अग्नि देव]] कहते हैं- [[वसिष्ठ|वसिष्ठजी]]! देवर्षि [[नारद]] से यह कथा सुनकर महर्षि वाल्मीकि ने विस्तार पूर्वक 'रामायण' नामक महाकाव्य की रचना की। जो कोई भी इसके प्रसंग सुनता है, वह स्वर्ग लोक को जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामायण]]
 
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05:53, 30 अप्रैल 2012 का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान


इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश

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1 कौन-सा वेद अंशतः गद्य रूप में भी रचित है?

ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद

2 आर्य भारत में संभवतः कहाँ से आये थे?

यूरोप से
मध्य एशिया से
पूर्वी एशिया से
अन्य क्षेत्रों से

3 'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थी', का उल्लेख किस वेद में मिलता है?

ऋग्वेद में
यजुर्वेद में
सामवेद में
अथर्ववेद में

4 ब्राह्मण ग्रंथों में सर्वाधिक प्राचीन कौन-सा है?

ऐतरेय ब्राह्मण
शतपथ ब्राह्मण
गोपथ ब्राह्मण
पंचविश ब्राह्मण

5 महात्मा गाँधी द्वारा 'असहयोग आन्दोलन' स्थगित कर देने का मुख्य कारण क्या था?

ब्रिटिश अंग्रेज़ शासन की कठोर नीति।
आन्दोलन का हिंसात्मक हो जाना।
बहुत कम नेताओं द्वारा गाँधी जी को समर्थन दिया जाना।
क्रांतिकारियों का बड़ी संख्या में पकड़ा जाना।

6 वैदिक काल में 'यव' किसे कहा जाता था?

गेहूँ को
जौ को
चावल को
इनमें से कोई नहीं

7 निम्न में से कौन-सी स्मृति प्राचीनतम है?

मनुस्मृति
याज्ञवल्क्य स्मृति
नारद स्मृति
पाराशर स्मृति

8 थानेश्वर में वर्धन वंश की स्थापना किसने की थी?

राज्यवर्धन
आदित्यवर्धन
पुष्यभूतिवर्धन
नरवर्धन

9 हर्षवर्धन प्रत्येक पाँच वर्ष के बाद कहाँ पर सम्मेलन आयोजित करता था?

कन्नौज
वैशाली
प्रयाग
थानेश्वर

10 कदम्ब राज्य के संस्थापक 'मयूरदर्शन' ने किसे अपनी राजधानी बनाया था?

बंगाल
कन्नौज
वैजयंती या बनवासी
इनमें में से कोई नहीं

11 ऋग्वेद में सबसे पवित्र नदी किसे माना गया है?

सिन्धु
सरस्वती
परुष्णी
शतुद्रि

12 संगमयुगीन किस चेर शासक ने 'पत्तिनी पूजा' या 'कण्णगी पूजा' की प्रथा को प्रारम्भ करवाया था?

पलयानैशेल्केलु कुट्टवन
उदियनजेरल
शेनगुट्टुवन
नेदुनजेरल आदन

13 प्राचीनतम व्याकरण ग्रंथ 'अष्टाध्यायी' के रचनाकार कौन हैं?

गौतम
कपिल
पतंजलि
पाणिनि

14 संगम युगीन अंत्येष्टि सम्बन्धी कथन में कौन-सा असत्य है?

ताबूत में दफ़न करना
दाह संस्कार करना
सीधा दफ़न करना
पक्षियों व जानवरों के लिए खुला छोड़ देना

15 निम्न में से किसे 'आदि काव्य' की संज्ञा किसे दी जाती है?

रामायण
महाभारत
गीता
भागवत पुराण

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