एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"इत्सिंग" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''इत्सिंग''' एक चीनी यात्री और [[बौद्ध]] भिक्षु था, जो 675 ई. के समय सुमात्रा होकर [[समुद्र]] के मार्ग से [[भारत]] आया था। इत्सिंग ने '[[नालन्दा विश्वविद्यालय|नालन्दा]]' एवं '[[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]]' तथा उस समय के भारत पर प्रकाश डाला है।
+
'''इत्सिंग''' एक चीनी यात्री और [[बौद्ध]] भिक्षुक था, जो 675 ई. के समय [[सुमात्रा]] होकर [[समुद्र]] के मार्ग से [[भारत]] आया था। इत्सिंग ने '[[नालन्दा विश्वविद्यालय|नालन्दा]]' एवं '[[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]]' तथा उस समय के भारत पर प्रकाश डाला है।
 +
==संक्षिप्त परिचय==
 +
*  इत्सिंग 10 वर्षों तक 'नालन्दा विश्वविद्यालय' में रहा था।
 +
* उसने वहाँ के प्रसिद्ध आचार्यों से [[संस्कृत]] तथा [[बौद्ध धर्म]] के [[ग्रन्थ|ग्रन्थों]] को पढ़ा।
 +
* 691 ई. में इत्सिंग ने अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ 'भारत तथा मलय द्वीपपुंज में प्रचलित बौद्ध धर्म का विवरण' लिखा।
 +
* इस ग्रन्थ से हमें उस काल के [[भारत]] के राजनीतिक इतिहास के बारे में तो अधिक जानकारी नहीं मिलती, परन्तु यह ग्रन्थ बौद्ध धर्म और '[[संस्कृत साहित्य]]' के इतिहास का अमूल्य स्रोत माना जाता है।
 +
* [[फाह्यान]] और [[ह्वेनसांग]] के विपरीत इत्सिंग ने यहां '''तत्कालीन भारत की राजव्यवस्था''' का उतना वर्णन नहीं किया लेकिन उसके बताए [[बौद्ध धर्म]] और [[संस्कृत साहित्य]] के इतिहास के अमूल्य स्त्रोत अवश्य माने जाते हैं।
  
*इत्सिंग 10 वर्षों तक 'नालन्दा विश्वविद्यालय' में रहा था।
 
 
*उसने वहाँ के प्रसिद्ध आचार्यों से [[संस्कृत]] तथा [[बौद्ध धर्म]] के [[ग्रन्थ|ग्रन्थों]] को पढ़ा।
 
*691 ई. में इत्सिंग ने अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ 'भारत तथा मलय द्वीपपुंज में प्रचलित बौद्ध धर्म का विवरण' लिखा।
 
*इस ग्रन्थ से हमें उस काल के [[भारत]] के राजनीतिक इतिहास के बारे में तो अधिक जानकारी नहीं मिलती, परन्तु यह ग्रन्थ बौद्ध धर्म और '[[संस्कृत साहित्य]]' के इतिहास का अमूल्य स्रोत माना जाता है।
 
 
{{लेख प्रगति
 
|आधार=
 
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=51|url=}}
 
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारतीय इतिहास कोश |लेखक= सच्चिदानन्द भट्टाचार्य|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=51|url=}}
 
<references/>
 
<references/>
 +
==संबंधित लेख==
 
{{विदेशी यात्री}}
 
{{विदेशी यात्री}}
[[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:विदेशी यात्री]][[Category:मध्य काल]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:विदेशी]]
[[Category:विदेशी यात्री]]
 
[[Category:चरित कोश]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__

04:56, 7 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

इत्सिंग एक चीनी यात्री और बौद्ध भिक्षुक था, जो 675 ई. के समय सुमात्रा होकर समुद्र के मार्ग से भारत आया था। इत्सिंग ने 'नालन्दा' एवं 'विक्रमशिला विश्वविद्यालय' तथा उस समय के भारत पर प्रकाश डाला है।

संक्षिप्त परिचय

  • इत्सिंग 10 वर्षों तक 'नालन्दा विश्वविद्यालय' में रहा था।
  • उसने वहाँ के प्रसिद्ध आचार्यों से संस्कृत तथा बौद्ध धर्म के ग्रन्थों को पढ़ा।
  • 691 ई. में इत्सिंग ने अपना प्रसिद्ध ग्रन्थ 'भारत तथा मलय द्वीपपुंज में प्रचलित बौद्ध धर्म का विवरण' लिखा।
  • इस ग्रन्थ से हमें उस काल के भारत के राजनीतिक इतिहास के बारे में तो अधिक जानकारी नहीं मिलती, परन्तु यह ग्रन्थ बौद्ध धर्म और 'संस्कृत साहित्य' के इतिहास का अमूल्य स्रोत माना जाता है।
  • फाह्यान और ह्वेनसांग के विपरीत इत्सिंग ने यहां तत्कालीन भारत की राजव्यवस्था का उतना वर्णन नहीं किया लेकिन उसके बताए बौद्ध धर्म और संस्कृत साहित्य के इतिहास के अमूल्य स्त्रोत अवश्य माने जाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 51 |


संबंधित लेख