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11:20, 22 मई 2013 का अवतरण

उज़बेक तुर्की भाषा बोलने वाली एक जाति है, जो मध्य एशिया में बसती है। भारत में मुग़ल साम्राज्य की स्थापना करने वाला बाबर भी नस्ल से उज़बेक जाति का ही था। पंद्रहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में उत्तर से उज़बेक लोगों ने ट्रांस-आक्सीयाना में अपने क़दम बढ़ाये थे। यद्यपि उज़बेकों ने इस्लाम अपना लिया था, लेकिन तैमूरी उन्हें असंस्कृत और बर्बर ही समझते थे।

  • उज़बेकिस्तान की ज़्यादातर आबादी उज़बेक नस्ल की है।
  • उज़बेक समुदाय बहुत से देशों में मिलते हैं, जैसे- कि अफ़ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गिज़स्तान, तुर्कमेनिस्तान, काजिकिस्तान, रूस, पाकिस्तान, मंगोलिया और चीन का शिनजियांग प्रान्त।
  • विश्व में लगभग 2.3 करोड़ उज़बेक लोग हैं और यह पूरे विश्व की मानव आबादी का लगभग 0.3 प्रतिशत हैं।
  • भारत में मुग़ल वंश की स्थापना करने वाला बाबर भी नस्ल से उज़बेक जाति का ही था।
  • तैरहवीं सदी ईसवी से पहले मध्य एशिया के अधिकाँश भाग में हिन्द-यूरोपीय भाषाएँ बोलने वाले लोग सबसे ज़्यादा थे, जैसे- शक, सोग़दाई, बैक्ट्रीयाई आदि। 13वीं शताब्दी के बाद मंगोल साम्राज्य फैला और इस पूरे इलाक़े पर तुर्की और मंगोल नस्ल के लोग छा गए।
  • ऐसा माना जाता है कि उज़बेक लोग पहले के हिन्द-यूरोपीय भाषी लोगों और बाद में आने वाले तुर्की-मंगोल लोगों का मिश्रण हैं।
  • आधुनिक उज़बेक भाषा पुरानी चग़ताई तुर्की भाषा की संतान है। बाबर इसी चग़ताई भाषा का मातृभाषी था और "बाबरनामा" इसी भाषा में लिखी गई है।
  • शुद्ध तुर्की की तुलना में उज़बेक भाषा पर फ़ारसी का असर दिखाई देता है, जो शायद उज़बेक लोगों की प्राचीन हिन्द-यूरोपीय जड़ों की वजह से है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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