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06:43, 17 मई 2018 के समय का अवतरण
उज्जानक कश्मीर के पश्चिम सिंधु नदी के तट का एक पवित्र क्षेत्र विशेष था।[1]
- महाभारत के अन्तर्गत पांडवों की तीर्थयात्रा के प्रसंग में इस तीर्थ का काश्मीर मंडल में मानसरोवर के द्वार के पश्चात् वर्णन आता है।[2]
- इसी के पास कुशवान् सरोवर और वितस्ता नदी[3] का उल्लेख है-
'एष उज्जानको नाम पावकिर्यत्र शान्तवान्'[4]
- उज्जानक में एक सरोवर भी था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 556, परिशिष्ट 'क' |
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 88 |
- ↑ झेलम नदी
- ↑ महाभारत वन पर्व 130, 17