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*इनकी मृत्यु 1608 ई. में हुई।  
 
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*ये वर्ण से [[ब्राह्मण]] थे तथा पैठन में रहते थे।  
 
*ये वर्ण से [[ब्राह्मण]] थे तथा पैठन में रहते थे।  
*इन्होंने जातिप्रथा के विरुद्ध आवाज़ उठाई तथा अनुपम साहस के कारण कष्ट भी सहे।  
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*इन्होंने जातिप्रथा के विरुद्ध आवाज़़ उठाई तथा अनुपम साहस के कारण कष्ट भी सहे।  
 
*इनकी प्रसिद्धि [[भागवत पुराण]] के [[मराठी भाषा|मराठी]] कविता में अनुवाद के कारण हुई।  
 
*इनकी प्रसिद्धि [[भागवत पुराण]] के [[मराठी भाषा|मराठी]] कविता में अनुवाद के कारण हुई।  
 
*इसके कुछ भाग पंढरपुर के मन्दिर में संकीर्तन के समय गाये जाते हैं।  
 
*इसके कुछ भाग पंढरपुर के मन्दिर में संकीर्तन के समय गाये जाते हैं।  

16:24, 8 जुलाई 2011 का अवतरण

  • मध्ययुगीन भारतीय सन्तों में एकनाथ का नाम बहुत प्रसिद्ध है।
  • महाराष्ट्रीय भक्तों में नामदेव के पश्चात दूसरा नाम एकनाथ का ही आता है।
  • इनकी मृत्यु 1608 ई. में हुई।
  • ये वर्ण से ब्राह्मण थे तथा पैठन में रहते थे।
  • इन्होंने जातिप्रथा के विरुद्ध आवाज़़ उठाई तथा अनुपम साहस के कारण कष्ट भी सहे।
  • इनकी प्रसिद्धि भागवत पुराण के मराठी कविता में अनुवाद के कारण हुई।
  • इसके कुछ भाग पंढरपुर के मन्दिर में संकीर्तन के समय गाये जाते हैं।
  • इन्होंने 'हरिपद' नामक छब्बीस अंभंगों का एक संग्रह भी रचा।
  • दार्शनिक दृष्टि से ये अद्धैतवादी थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ