काकतीय वंश

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
मेघा (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:25, 2 अक्टूबर 2010 का अवतरण ('*आधुनिक समय में हैदराबाद क्षेत्र के पूर्वी भाग तेल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • आधुनिक समय में हैदराबाद क्षेत्र के पूर्वी भाग तेलंगाना में काकतीय वंश का शासन था, और उसकी राजधानी वारंगल थी।
  • कल्याणी के चालुक्य वंश के उत्कर्ष काल में काकतीय वंश के राजा चालुक्यों के सामन्तों के रूप में अपने राज्य का शासन करते थे।
  • जब बारहवीं सदी में चालुक्यों की शक्ति क्षीण हो गई, तो प्रोलराज नामक काकतीय राजा ने 1117 ई. के लगभग चालुक्य आधिपत्य का अन्त कर अपने को स्वतंत्र कर लिया।
  • प्रोलराज काकतीयों का प्रथम स्वतंत्र राजा था।
  • उसके वंशजों में सबसे पराक्रमी गणपति था, जिसने 1199 से 1291 तक शासन किया। वह एक महान विजेता था, और चोल, देवगिरि, कलिंग और गुजरात आदि की विजय यात्राएँ कर उसने अपने पराक्रम का परिचय दिया था।
  • चौदहवीं सदी के प्रारम्भ में जब अफ़ग़ान सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलज़ी का प्रसिद्ध सेनापति मलिक काफ़ूर दक्षिण विजय के लिए निकला तो देवगिरि के यादवों और द्वारसमुद्र के होयसालों के समान वारंगल के काकतीयों की भी उसने विजय की।

 



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख