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09:57, 19 अप्रैल 2019 का अवतरण
जिका रोग मच्छर के कारण होने वाला एक रोग है, यह रोग जिका नामक वायरस के कारण होता है। पहली बार इस वायरस को 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। पांच वर्ष बाद यह वायरस इंसानों में पाया गया। अप्रैल 2015 में ब्राज़ील में जिका बड़े पैमाने पर फैला था।
1954 में पहली बार इंसानों के शरीर में इस वायरस के लक्षण देखे गए। हालांकि कई दशकों तक कभी भी यह वायरस मानव जाति के लिए बड़े खतरे के तौर पर सामने नहीं आया। इस वजह से कभी भी वैज्ञानिकों ने इसकी वैक्सीन को विकसित करने के बारे में नहीं सोचा।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को इस वायरस से संक्रमित मच्छर काट लेता है तो उस व्यक्ति में इसके वायरस आते हैं। इसके बाद जब कोई और मच्छर उन्हें काटता है तो उस मच्छर में फिर से यह वायरस प्रवेश कर जाता है। इस तरह से यह वायरस एक जगह से दूसरी जगह फैल जाता है। डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी को लेकर पूरी दुनिया में अलर्ट जारी कर दिया है। यह अलर्ट खासतौर पर उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी देशों के लिए है। ब्राजील की सरकार की ओर से कहा गया है कि यह उनके देश में फैली अब तक की सबसे खतरनाक बीमारी है
लक्षण
वायरस की वजह से होने वाले बुखार से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में दर्द रहता है, आंखों में सूजन होती है, उसे जोड़ों में दर्द रहता है और साथ ही शरीर में चकत्ते पड़ जाते हैं। कभी-कभी तो इसके लक्षण कुछ लोगों में नजर ही नहीं आते हैं। कभी-कभी इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति लकवा का शिकार भी हो सकता है। इस बीमारी का इलाज अभी तक दुनिया तलाश नहीं पाई है।
इन्हें भी देखें: ज़िका विषाणु
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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