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− | '''द्वारपाल''' [[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] के उल्लेख के आधार पर [[ख़ैबर दर्रा|ख़ैबर दर्रे]] का प्राचीन भारतीय नाम समझा जाता है। अपनी भौगोलिक संरचना के कारण द्वारपाल वास्तव में [[भारत]] का 'द्वार रक्षक' था।
| + | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=द्वारपाल|लेख का नाम=द्वारपाल (बहुविकल्पी)}} |
− | <blockquote>'द्वारपाल च तरसा वशे चक्रे महाद्युति:, रामठान् हारहूणांश्च प्रतीच्यश्चैव ये नृपा:'<ref>[[महाभारत]], [[सभापर्व महाभारत|सभापर्व]] 32, 12.</ref></blockquote>
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− | ==नकुल की विजय== | |
− | [[पाण्डव]] [[नकुल]] ने अपनी दिग्विजय यात्रा के प्रसंग में उत्तर-पश्चिम दिशा के अनेक स्थानों को जीतते हुए द्वारपाल पर भी प्रभुत्व स्थापित किया था। प्रसंग से द्वारपाल, [[अफ़ग़ानिस्तान]] और भारत के बीच द्वार के रूप में स्थित खैबर दर्रें का प्राचीन भारतीय नाम जान पड़ता है। यह वास्तव में भारत का द्वार रक्षक था। इस उल्लेख से यह बात स्पष्ट है कि प्राचीन काल में भारतीयों को अपनी उत्तर-पश्चिम सीमा के इस दर्रे का महत्त्व पूरी तरह से ज्ञात था। उपर्युक्त [[श्लोक]] में 'रमठ' और 'हारहूण' अफ़ग़ानिस्तान के ही प्रदेश हैं, जिससे द्वारपाल से खैबर दर्रे का अभिज्ञान निश्चित ही जान पड़ता है।
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− | *इन सब स्थानों को नकुल ने 'शासन' भेजकर ही वश में कर लिया था और वहाँ सेना भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ती थी-
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− | <blockquote>'तान् सर्वान् स वशे चक्रे शासनादव पांडव:'।</blockquote>
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− | *[[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]]<ref>[[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]] 83, 15</ref> में भी द्वारपाल का उल्लेख है-
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− | <blockquote>'ततो गच्छेत धर्मज्ञ द्वारपालं तरन्तुकम्'।</blockquote>
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− | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | + | {{शब्द संदर्भ लघु |
− | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
| + | |हिन्दी=द्वार पर नियुक्त रक्षक। |
− | {{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=459|url=}}
| + | |व्याकरण=पुल्लिंग - दो आधारों वाली। |
− | <references/>
| + | |उदाहरण=[[वैकुण्ठ|बैकुण्ठ]] के द्वार पर जय और विजय नाम के दो द्वारपाल पहरा दिया करते थे। |
− | ==संबंधित लेख==
| + | |विशेष= |
− | {{महाभारत}}
| + | |विलोम= |
− | [[Category:पौराणिक स्थान]][[Category:पौराणिक कोश]]
| + | |पर्यायवाची=ड्योढ़ीदार, दरबान, प्रतिहारी। |
− | [[Category:महाभारत]]
| + | |संस्कृत=[द्वार ~ पाल] |
| + | |अन्य ग्रंथ= |
| + | |संबंधित शब्द= |
| + | |संबंधित लेख= |
| + | }} |
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