नोहकलिकाई जलप्रपात

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नोहकलिकाई जलप्रपात (अंग्रेज़ी: Nohkalikai Waterfalls) भारत का सबसे ऊँचा जलप्रपात है, इसकी ऊँचाई 340 मीटर है। यह जलप्रपात मेघालय राज्य में चेरापूंजी के पास स्थित है। जलप्रपात देश के सबसे सुंदर और भव्य झरनों में से एक है और मेघालय का गौरव है। नोहकलिकाई जलप्रपात उत्तर पूर्व में देखने के लिए सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है।

  • इस जलप्रपात का नाम ‘का लिकाई’ नाम की एक महिला की दु:खद कहानी से जुड़ा है, जिसने अपने पति की मृत्यु के बाद एक पुरुष से दोबारा शादी की। खुद का पालन-पोषण करने और अपने बच्चे को खिलाने के लिए उसे खुद कुली बनना पड़ा। जब वह घर पर थी, तो वह अपना अधिकांश समय अपने बच्चे की देखभाल करने में बिताती थी, इसलिए अपने दूसरे पति को वह प्यार नहीं दे पाती थी, जिसके वह हकदार थी। उसके पति में ईर्ष्या की भावना विकसित हुई जो का लिकाई की बेटी के प्रति घृणा में प्रकट हुई।[1]
  • एक दिन जब का लिकाई बाहर काम कर रही थी, उस आदमी ने का लिकाई की बेटी को मार डाला और उसका मांस पकाया और उसे का लिकाई को परोसा। वह खाना खाती है और अपनी बेटी की तलाश में जाती है। ऐसा करते समय उसे सुपारी की टोकरी में अपनी बेटी की उंगलियां मिलती हैं। यह देख वह काफी परेशान हो गई और कूद पड़ी पहाड़ी की चोटी से। जिस झरने से उसने छलांग लगाई, उसका नाम ‘नोह का लिकाई’ रखा गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चेरापूंजी के पर्यटन स्थल की जानकारी (हिंदी) yatrajankari.com। अभिगमन तिथि: 30 नवंबर, 2021।

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