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||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||{{seealso|मौर्य साम्राज्य|मौर्य काल का शासन प्रबंध}} | ||
+ | {'[[इण्डिका]]' पुस्तक मूलत: किसके द्वारा लिखी गई थी? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[अश्वघोष]] | ||
+ | -[[टॉलमी]] | ||
+ | +[[मेगस्थनीज़]] | ||
+ | -[[अरस्तु]] | ||
+ | ||'मैगस्थनीज़' ने अपनी पुस्तक '[[इण्डिका]]' में भारतीय जन-जीवन, परम्पराओं और रीति-रिवाजों का वर्णन किया है। उसको अपने समय का एक बेहतरीन विदेशी यात्री और [[यूनानी]] भूगोलविद माना जाता है। मैगस्थनीज़ ने [[भारत]] से प्राप्त होने वाली [[खनिज]] सम्पदाओं में [[सोना]], [[चांदी]], [[ताँबा]] एवं [[टिन]] की बहुत प्रशंसा की है। उसके अनुसार भारत में चीटियाँ सोने का संग्रह करती थीं। पशुओं में मैगस्थनीज़ भारतीय [[हाथी]] से काफ़ी प्रभावित था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मेगस्थनीज़]] | ||
+ | {पराश्रव्य तरंगों की [[आवृति]] कितनी होती है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +20,000 हर्ट्ज से अधिक | ||
+ | -20,000 हर्ट्ज से कम | ||
+ | -20 हर्ट्ज | ||
+ | -1000 हर्ट्ज | ||
+ | ||{{seealso|तरंग|तरंग दैर्ध्य}} | ||
+ | |||
+ | {[[श्वसन|श्वसन क्रिया]] में [[वायु]] के कौन-से घटक की मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं होता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -कार्बन डाई ऑक्साइड | ||
+ | -[[ऑक्सीजन]] | ||
+ | -जलवाष्प | ||
+ | +[[नाइट्रोजन]] | ||
+ | ||{{seealso|मानव शरीर|ऐच्छिक मांसपेशी|अनैच्छिक मांसपेशी}} | ||
+ | |||
+ | {'गृहप्रवेश' में कौन-सा [[समास]] है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[तत्पुरुष समास]] | ||
+ | -[[द्वन्द्व समास]] | ||
+ | -[[अव्ययीभाव समास|अव्ययीभाव]] | ||
+ | -[[कर्मधारय समास]] | ||
+ | |||
+ | {'मानस का हंस' के लेखक कौन थे? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[रामनरेश त्रिपाठी]] | ||
+ | -[[प्रेमचंद]] | ||
+ | -[[बनारसीदास चतुर्वेदी]] | ||
+ | +[[अमृतलाल नागर]] | ||
+ | |||
+ | {[[आन्ध्र प्रदेश]] की [[गोंड|गोंड जनजाति]] का प्रसिद्ध [[नृत्य]] कौन-सा है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +गुसादी | ||
+ | -आम्र नृत्य | ||
+ | -मोर नृत्य | ||
+ | -[[बिहू नृत्य]] | ||
+ | |||
+ | {कौन-सा [[लोक नृत्य]] "ग़रीबों की कथकली" के नाम से जाना जाता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | - [[चाक्यारकूंतु नृत्य|चाक्यारकूंतु]] | ||
+ | + [[ओट्टनतुल्ललू नृत्य|ओट्टनतुल्ललू]] | ||
+ | - [[कूडियाट्टम नृत्य|कूडियाट्टम]] | ||
+ | - [[मोहनी अट्टम नृत्य|मोहनी अट्टम]] | ||
+ | ||'''ओट्टनतुल्ललू नृत्य''' [[भारत]] में प्रचलित कुछ प्रमुख [[शास्त्रीय नृत्य]] शैलियों में से एक है। कुंचन नाम्बियार द्वारा विकसित ओट्टनतुल्ललू नृत्य एक एकाकी नृत्य शैली है, जिसका प्रचलन [[केरल]] राज्य में है। {{point}}विस्तार से पढ़ें:- [[ओट्टनतुल्ललू नृत्य]] | ||
+ | |||
+ | {'[[धमार]]' गायक शैली में किस भाषा का मुख्यतः प्रयोग किया जाता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[अवधी भाषा]] | ||
+ | -[[मैथिली भाषा]] | ||
+ | -[[फ़ारसी भाषा]] | ||
+ | +[[ब्रज भाषा]] | ||
+ | ||[[चित्र:Raskhan-2.jpg|रसखान के दोहे|100px|right]] ब्रजभाषा मूलत: ब्रजक्षेत्र की बोली है। विक्रम की 13वीं शताब्दी से लेकर 20वीं शताब्दी तक [[भारत]] में साहित्यिक भाषा रहने के कारण ब्रज की इस जनपदीय बोली ने अपने विकास के साथ भाषा नाम प्राप्त किया और ब्रजभाषा नाम से जानी जाने लगी। शुद्ध रूप में यह आज भी [[मथुरा]], [[आगरा]], [[धौलपुर]], [[अलीगढ़]] ज़िलों में बोली जाती है।{{point}} अधिक जानकारी देखें:-[[ब्रज भाषा]] | ||
+ | |||
+ | {[[उत्तर प्रदेश]] में [[जैन]] एवं [[बौद्ध]] दोनों धर्मों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल कौन-सा है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[सारनाथ]] | ||
+ | -[[कुशीनगर]] | ||
+ | +[[कौशाम्बी]] | ||
+ | -देवीपाटन | ||
+ | ||[[चित्र:Buddha1.jpg|अभिलिखित अभय मुद्रा में बुद्ध|100px|right]][[उदयन]] के समय में [[गौतमबुद्ध]] [[कौशाम्बी]] में अक्सर आते-जाते रहते थे। उनके सम्बन्ध के कारण कौशाम्बी के अनेक स्थान सैकड़ों वर्षों तक प्रसिद्ध रहे। [[बुद्धचरित]] 21,33 के अनुसार कौशाम्बी में, बुद्ध ने 'धनवान', 'घोषिल', 'कुब्जोत्तरा' तथा अन्य महिलाओं तथा पुरुषों को दीक्षित किया था। यहाँ के विख्यात श्रेष्ठी घोषित (सम्भवतः बुद्धचरित का घोषिल) ने '[[घोषिताराम]]' नाम का एक सुन्दर उद्यान बुद्ध के निवास के लिए बनवाया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कौशाम्बी]] | ||
+ | |||
+ | {[[सोलह महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] का उल्लेख किस [[बौद्ध]] धर्म-ग्रंथ में मिलता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[दीपवंश]] | ||
+ | -[[महावंश]] | ||
+ | -[[दिव्यावदान]] | ||
+ | +[[अंगुत्तरनिकाय]] | ||
+ | ||[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|100px|right|बौद्ध धर्म का प्रतीक]]अंगुत्तरनिकाय महत्त्वपूर्ण [[बौद्ध]] [[ग्रंथ]] है। इसके लेखक 'महंत आनंद कौसलायन' हैं। महाबोधि सभा, [[कलकत्ता]] द्वारा इसको वर्तमान समय में प्रकाशित किया गया है। 11 निपातों से युक्त इस निकाय में [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] द्वारा भिक्षुओं को उपदेश में दी जाने वाली बातों का वर्णन है। इस निकाय में छठी शताब्दी ई.पू. के [[सोलह महाजनपद|सोलह महाजनपदों]] का उल्लेख मिलता हैं|{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अंगुत्तरनिकाय]] | ||
+ | |||
+ | {शतरंज का जन्मदाता देश किसे कहा जाता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +[[भारत]] | ||
+ | -[[चीन]] | ||
+ | -[[जापान]] | ||
+ | -[[रूस]] | ||
+ | ||[[चित्र:India-Flag.jpg|भारतीय ध्वज|100px|right]]भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है, जो 4,000 से अधिक वर्षों से चली आ रही है और जिसने अनेक रीति-रिवाज़ों और परम्पराओं का संगम देखा है। यह देश की समृद्ध संस्कृति और विरासत का परिचायक है। आज़ादी के बाद 62 वर्षों में भारत ने सामाजिक और आर्थिक प्रगति की है। भारत [[कृषि]] में आत्मनिर्भर देश है और औद्योगीकरण में भी विश्व के चुने हुए देशों में भी इसकी गिनती की जाती है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[भारत]] | ||
+ | |||
+ | {'टर्बिनेटर' के नाम से किस खिलाड़ी को जाना जाता है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -अनिल कुम्बले | ||
+ | +हरभजन सिंह | ||
+ | -मुथैया मुरलीधरन | ||
+ | -शेन वॉर्न | ||
+ | |||
+ | {[[महाभारत]] में [[लाक्षागृह]] का निर्माण किसने किया था? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[विश्वकर्मा]] | ||
+ | -[[शकुनि]] | ||
+ | +पुरोचन | ||
+ | -[[प्रजापति]] | ||
+ | || [[महाभारत]] में ऐसा उल्लेख मिलता है कि एक बार [[पाण्डव]] अपनी माता [[कुन्ती]] के साथ वार्णावर्त नगर में महादेव को मेला देखने गये। [[दुर्योधन]] ने इसकी पूर्व सूचना प्राप्त करके अपने एक मन्त्री पुरोचन को वहाँ भेजकर एक लाक्षागृह तैयार कराया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[लाक्षागृह]] | ||
+ | |||
+ | {[[महाभारत]] में [[सूर्य देवता|सूर्य]] और [[कुंती]] का पुत्र कौन है? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[युधिष्ठिर]] | ||
+ | -[[अर्जुन]] | ||
+ | +[[वसुषेण]] | ||
+ | -[[भीम]] | ||
+ | || वसुषेण, [[कर्ण]] का वास्तविक नाम है, जो सूर्य और कुंती का पुत्र था। {{Point}} अधिक जानकारी के लिये देखें:- [[कर्ण]] | ||
+ | |||
+ | {देवराज [[इन्द्र]] के पुत्र का नाम क्या था? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[नहुष]] | ||
+ | -[[मांधाता]] | ||
+ | -[[पुरुरवा]] | ||
+ | +[[जयंत]] | ||
+ | ||'जयंत' देवों के राजा [[इन्द्र]] के पुत्र कहे गये हैं। [[वाल्मीकि रामायण]] में भी इनका कई स्थानों पर उल्लेख हुआ है। जिस समय [[रावण]] के पुत्र [[मेघनाद]] से इन्द्र का युद्ध हुआ और मेघनाद ने सब ओर अंघकार फैला दिया, तब जयंत का नाना पुलोमा उसे युद्ध भूमि से उठाकर [[समुद्र]] में ले गया। एक अन्य प्रसंग के अनुसार एक कोए के वेश में [[जयंत]] ने मांस की इच्छा से [[सीता]] के स्तन पर भी प्रहार किया था, जिस कारण उसे श्री [[राम]] के क्रोध का सामना करना पड़ा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[जयंत]] | ||
+ | |||
+ | {[[रामायण]] के अनुसार [[श्रीराम]] को [[लक्ष्मण]] के प्राण बचाने के लिए संजीवनी बूटी का रहस्य किस वैद्य ने बताया? | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -[[अक्रूर]] | ||
+ | -[[विभीषण]] | ||
+ | -[[चरक]] | ||
+ | +[[सुषेण वैद्य|सुषेण]] | ||
+ | ||सुषेण वैद्य का उल्लेख [[रामायण]] में हुआ है। रामायणानुसार [[सुषेण वैद्य|सुषेण]] [[लंका]] के राजा राक्षसराज [[रावण]] का राजवैद्य था। जब रावण के पुत्र [[मेघनाद]] के साथ हुए भीषण युद्ध में [[लक्ष्मण]] घायल होकर मूर्छित हो गये, तब सुषेण ने ही लक्ष्मण की चिकित्सा की थी। उसके यह कहने पर कि मात्र संजीवनी बूटी के प्रयोग से ही लक्ष्मण के प्राण बचाये जा सकते हैं, [[राम]] [[भक्त]] [[हनुमान]] ने वह बूटी लाकर दी और लक्ष्मण के प्राण बचाये जा सके।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें-[[सुषेण वैद्य]] | ||
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|} | |} | ||
− | {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली | + | {{पहेली क्रम |पिछली=[[पहेली जुलाई 2015]] |अगली=[[पहेली सितंबर 2015]]}} |
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
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