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+[[विजयनगर साम्राज्य]]
 
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-[[राष्ट्रकूट साम्राज्य]]
 
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||'विजयनगर' का शाब्दिक अर्थ है- 'जीत का शहर'। प्रायः इस नगर को [[मध्य काल]] का प्रथम [[हिन्दू]] साम्राज्य माना जाता है। [[विजयनगर साम्राज्य]] में [[चोल]] कालीन सभा को कहीं-कहीं 'महासभा', 'उर' एवं 'महाजन' कहा जाता था। साम्राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाले विविध करों के प्रमुख नाम थे- 'कदमाई', 'मगमाई', 'कनिक्कई', 'कत्तनम', 'कणम', 'वरम', 'भोगम', 'वारिपत्तम', 'इराई' और 'कत्तायम'। ‘शिष्ट’ नामक भूमिकर विजयनगर राज्य की आय का प्रमुख एवं सबसे बड़ा स्रोत था। राज्य उपज का 1/6 भाग कर के रूप में वसूल करता था। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[विजयनगर साम्राज्य]]</quiz>
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||[[चित्र:Virupraksha-Temple-Hampi.jpg|right|80px|विरुपाक्ष मन्दिर, हम्पी]]'विजयनगर' का शाब्दिक अर्थ है- 'जीत का शहर'। प्रायः इस नगर को [[मध्य काल]] का प्रथम [[हिन्दू]] साम्राज्य माना जाता है। [[विजयनगर साम्राज्य]] में [[चोल]] कालीन सभा को कहीं-कहीं 'महासभा', 'उर' एवं 'महाजन' कहा जाता था। साम्राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाले विविध करों के प्रमुख नाम थे- 'कदमाई', 'मगमाई', 'कनिक्कई', 'कत्तनम', 'कणम', 'वरम', 'भोगम', 'वारिपत्तम', 'इराई' और 'कत्तायम'। ‘शिष्ट’ नामक भूमिकर विजयनगर राज्य की आय का प्रमुख एवं सबसे बड़ा स्रोत था। राज्य उपज का 1/6 भाग कर के रूप में वसूल करता था। अधिक जानकारी के लिए देखें :- [[विजयनगर साम्राज्य]]</quiz>
  
 
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10:06, 4 जून 2023 के समय का अवतरण