"पुरी" के अवतरणों में अंतर
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) छो |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "मुगल" to "मुग़ल") |
||
(6 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 10 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{लेख सूची|लेख का नाम=पुरी |पर्यटन=पुरी पर्यटन |ज़िला=पुरी ज़िला}} | |
− | पुरी, पूर्वी [[उड़ीसा]] राज्य, पूर्वी [[भारत]] में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, [[बंगाल की खाड़ी]] के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। उड़ीसा की राजधानी [[भुवनेश्वर]] पुरी ज़िले में स्थित है। इसके पूर्व में चावल की खेती वाले जलोढ़ मैदान तथा पश्चिम में पूर्वी घाट से आच्छन्न वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्र हैं। इन जंगलों में बांस और साल के वृक्ष हैं। | + | {{सूचना बक्सा पर्यटन |
+ | |चित्र=Jagannath-Temple-Puri.jpg | ||
+ | |चित्र का नाम=जगन्नाथ मंदिर पुरी | ||
+ | |विवरण=पुरी, पूर्वी [[उड़ीसा]] राज्य, पूर्वी [[भारत]] में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, [[बंगाल की खाड़ी]] के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। | ||
+ | |राज्य=[[उड़ीसा]] | ||
+ | |केन्द्र शासित प्रदेश= | ||
+ | |ज़िला=पुरी ज़िला | ||
+ | |निर्माता= | ||
+ | |स्वामित्व= | ||
+ | |प्रबंधक= | ||
+ | |निर्माण काल= | ||
+ | |स्थापना= | ||
+ | |भौगोलिक स्थिति= | ||
+ | |मार्ग स्थिति=पुरी, [[उड़ीसा]] के सभी प्रमुख शहरों और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। राज्य परिवहन निगम की बसें पुरी के लिए नियमित चलती रहती हैं। | ||
+ | |प्रसिद्धि= | ||
+ | |कब जाएँ=[[अक्टूबर]] से [[मार्च]], रथयात्रा देखने के लिए [[जून]] और [[जुलाई]] | ||
+ | |यातायात= | ||
+ | |हवाई अड्डा=नज़दीकी भुवनेश्वर हवाई अड्डा | ||
+ | |रेलवे स्टेशन=पुरी रेलवे स्टेशन | ||
+ | |बस अड्डा=पुरी बस अड्डा | ||
+ | |कैसे पहुँचें=हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी | ||
+ | |क्या देखें=पुरी पर्यटन | ||
+ | |कहाँ ठहरें=होटल, अतिथि-ग्रह, धर्मशाला | ||
+ | |क्या खायें= | ||
+ | |क्या ख़रीदें=हस्तशिल्प वस्तुएँ | ||
+ | |एस.टी.डी. कोड=06752 | ||
+ | |ए.टी.एम= | ||
+ | |सावधानी= | ||
+ | |मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?f=q&source=s_q&hl=en&geocode=&q=Puri,+Orissa&aq=0&sll=21.125498,81.914063&sspn=34.855829,79.013672&ie=UTF8&hq=&hnear=Puri,+Orissa&ll=19.799333,85.818672&spn=0.139225,0.308647&z=12 गूगल मानचित्र], [http://maps.google.co.in/maps?f=d&source=s_d&saddr=Bhubaneswar+Airport,+Jagamara+-+Sundarpada+Road,+Bhubaneswar,+Orissa&daddr=Puri+railway+station&geocode=FRT2NAEdvW0dBSlXSSOlDqcZOjFREZAvSPNs2w%3BFUo_LgEdYMgdBSmJHp_bp8YZOjHIKYvldSIVVQ&hl=en&mra=ls&sll=19.799333,85.818672&sspn=0.139225,0.308647&ie=UTF8&z=10 नज़दीकी भुवनेश्वर हवाई अड्डा] | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी= | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन={{अद्यतन|11:10, 21 जनवरी 2011 (IST)}} | ||
+ | }} | ||
+ | पुरी, पूर्वी [[उड़ीसा]] राज्य, पूर्वी [[भारत]] में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, [[बंगाल की खाड़ी]] के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। उड़ीसा की राजधानी [[भुवनेश्वर]] पुरी ज़िले में स्थित है। इसके पूर्व में चावल की खेती वाले जलोढ़ मैदान तथा पश्चिम में पूर्वी घाट से [[आच्छन्न]] वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्र हैं। इन जंगलों में बांस और साल के वृक्ष हैं। | ||
==इतिहास== | ==इतिहास== | ||
− | 1803 में पुरी पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। 1804 में खुरदा के राजा ने विद्रोह किया और 1817-1818 में यहाँ किसान-विद्रोह हुआ। 1866 में उड़ीसा के अकाल में इस ज़िले के कई लोग मारे गए। पुरी [[ | + | 1803 में पुरी पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। 1804 में खुरदा के राजा ने विद्रोह किया और 1817-1818 में यहाँ किसान-विद्रोह हुआ। 1866 में उड़ीसा के अकाल में इस ज़िले के कई लोग मारे गए। पुरी [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]] तीर्थस्थल के रूप में भी विख्यात है और यहाँ 12 वीं [[शताब्दी]] का जगन्नाथ वाटिका है, जहाँ हर साल गर्मी के मौसम में श्रद्धालु उनकी प्रतिमा को रथ पर खींचकर ले जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पुरी में पहले एक प्राचीन बौद्ध मंदिर था। हिंदू धर्म के पुनरुत्कर्षकाल में इस मंदिर को [[श्री कृष्ण]] के मंदिर के रूप में बनाया गया। मंदिर की मुख्य मूर्तियाँ शायद तीसरी शताब्दी की हैं। ययातिकेसरी ने नवीं सदी ई. में पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। और तत्पश्चात् चौड़ गंगदेव ने 12 वीं सदी में इसका पुनः नवीनीकरण करवाया। इस मंदिर का आदि निर्माता कौन था। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। 12 वीं सदी में मंदिर का अंतिम जीर्णोद्धार गंगवंशीय राजा अनंग भीमदेव ने करवाया था। [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] शब्द जगरनॉट की उत्पत्ति जगन्नाथ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है विश्व के स्वामी। |
+ | |||
+ | इस मन्दिर पर मध्य काल में [[मुसलमान|मुसलमानों]] ने कई बार आक्रमण किए। 15 वीं सदी में चैतन्य महाप्रभु ने इस मंदिर की यात्रा की थी। चीनी यात्री युवानच्वांग ने पुरी को 'चारित्रवन' नाम से अभिहित किया है। शास्त्रों में जगन्नाथपुरी का वर्णन उडिड्यानपीठ नाम से मिलता है। इसे शंखक्षेत्र भी कहा जाता था। दक्षिण के प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य रामानुज ने पुरी की यात्रा 1122 ई. और 1137ई. में की थी। 14 वीं सदी से लेकर 1592 ई. तक पुरी पर मुस्लिम शासकों का शासन रहा। 1592 ई. में इस नगर पर [[अकबर]] का आधिपत्य हो गया। मुग़लों के पतन के पश्चात् इस पर [[मराठा|मराठों]] ने क़ब्ज़ा कर लिया। इस पर मराठों का शासन 1803 ई. तक रहा। इसके उपरांत पुरी पर [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] का क़ब्ज़ा हो गया। | ||
+ | |||
+ | |||
==उद्योग और व्यापार== | ==उद्योग और व्यापार== | ||
यहाँ के उद्योगों में चावल मिल, मछली प्रसंस्करण शामिल हैं। और हस्तशिल्प में धातुकर्म पत्थर तराशने का काम और बुनाई का काम होता है। | यहाँ के उद्योगों में चावल मिल, मछली प्रसंस्करण शामिल हैं। और हस्तशिल्प में धातुकर्म पत्थर तराशने का काम और बुनाई का काम होता है। | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 60: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
+ | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | + | {{उड़ीसा के नगर}} | |
{{उड़ीसा के पर्यटन स्थल}} | {{उड़ीसा के पर्यटन स्थल}} | ||
− | |||
[[Category:उड़ीसा_राज्य]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_नगर]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]] | [[Category:उड़ीसा_राज्य]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_ऐतिहासिक_नगर]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_नगर]][[Category:उड़ीसा_राज्य_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
12:48, 14 मई 2013 के समय का अवतरण
पुरी | पुरी पर्यटन | पुरी ज़िला |
पुरी
| |
विवरण | पुरी, पूर्वी उड़ीसा राज्य, पूर्वी भारत में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। |
राज्य | उड़ीसा |
ज़िला | पुरी ज़िला |
मार्ग स्थिति | पुरी, उड़ीसा के सभी प्रमुख शहरों और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। राज्य परिवहन निगम की बसें पुरी के लिए नियमित चलती रहती हैं। |
कब जाएँ | अक्टूबर से मार्च, रथयात्रा देखने के लिए जून और जुलाई |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी |
नज़दीकी भुवनेश्वर हवाई अड्डा | |
पुरी रेलवे स्टेशन | |
पुरी बस अड्डा | |
क्या देखें | पुरी पर्यटन |
कहाँ ठहरें | होटल, अतिथि-ग्रह, धर्मशाला |
क्या ख़रीदें | हस्तशिल्प वस्तुएँ |
एस.टी.डी. कोड | 06752 |
गूगल मानचित्र, नज़दीकी भुवनेश्वर हवाई अड्डा | |
अद्यतन | 11:10, 21 जनवरी 2011 (IST)
|
पुरी, पूर्वी उड़ीसा राज्य, पूर्वी भारत में पुरी ज़िले के प्रशासनिक मुख्यालय, बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। यह समुद्रतटीय शहर एक व्यापारिक केंद्र के साथ रेल टर्मिनल और पर्यटन स्थल भी है। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर पुरी ज़िले में स्थित है। इसके पूर्व में चावल की खेती वाले जलोढ़ मैदान तथा पश्चिम में पूर्वी घाट से आच्छन्न वनाच्छादित पर्वतीय क्षेत्र हैं। इन जंगलों में बांस और साल के वृक्ष हैं।
इतिहास
1803 में पुरी पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। 1804 में खुरदा के राजा ने विद्रोह किया और 1817-1818 में यहाँ किसान-विद्रोह हुआ। 1866 में उड़ीसा के अकाल में इस ज़िले के कई लोग मारे गए। पुरी हिन्दू तीर्थस्थल के रूप में भी विख्यात है और यहाँ 12 वीं शताब्दी का जगन्नाथ वाटिका है, जहाँ हर साल गर्मी के मौसम में श्रद्धालु उनकी प्रतिमा को रथ पर खींचकर ले जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पुरी में पहले एक प्राचीन बौद्ध मंदिर था। हिंदू धर्म के पुनरुत्कर्षकाल में इस मंदिर को श्री कृष्ण के मंदिर के रूप में बनाया गया। मंदिर की मुख्य मूर्तियाँ शायद तीसरी शताब्दी की हैं। ययातिकेसरी ने नवीं सदी ई. में पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया। और तत्पश्चात् चौड़ गंगदेव ने 12 वीं सदी में इसका पुनः नवीनीकरण करवाया। इस मंदिर का आदि निर्माता कौन था। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता। 12 वीं सदी में मंदिर का अंतिम जीर्णोद्धार गंगवंशीय राजा अनंग भीमदेव ने करवाया था। अंग्रेज़ी शब्द जगरनॉट की उत्पत्ति जगन्नाथ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है विश्व के स्वामी।
इस मन्दिर पर मध्य काल में मुसलमानों ने कई बार आक्रमण किए। 15 वीं सदी में चैतन्य महाप्रभु ने इस मंदिर की यात्रा की थी। चीनी यात्री युवानच्वांग ने पुरी को 'चारित्रवन' नाम से अभिहित किया है। शास्त्रों में जगन्नाथपुरी का वर्णन उडिड्यानपीठ नाम से मिलता है। इसे शंखक्षेत्र भी कहा जाता था। दक्षिण के प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य रामानुज ने पुरी की यात्रा 1122 ई. और 1137ई. में की थी। 14 वीं सदी से लेकर 1592 ई. तक पुरी पर मुस्लिम शासकों का शासन रहा। 1592 ई. में इस नगर पर अकबर का आधिपत्य हो गया। मुग़लों के पतन के पश्चात् इस पर मराठों ने क़ब्ज़ा कर लिया। इस पर मराठों का शासन 1803 ई. तक रहा। इसके उपरांत पुरी पर ईस्ट इंडिया कम्पनी का क़ब्ज़ा हो गया।
उद्योग और व्यापार
यहाँ के उद्योगों में चावल मिल, मछली प्रसंस्करण शामिल हैं। और हस्तशिल्प में धातुकर्म पत्थर तराशने का काम और बुनाई का काम होता है।
शिक्षण संस्थान
राज्यपाल के ग्रीष्मकालीन आवास वाले इस शहर में महाविद्यालय, एक वेधशाला और एक महल है। यहाँ श्री जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय भी है। खुरदा नगर जो पूर्वी रेलवे का प्रभागीय मुख्यालय है, में एक कला महाविद्यालय है।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार इस नगर की जनसंख्या 1,57,610 है, और ज़िले की कुल जनसंख्या 14,98,604 है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख