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+ | * दक्षिणेश्वर बम कांड में इनका भी योगदान था, अतः 1925 में गिरफ्तार कर लिया गया तथा कारावास में डाल दिया गया। | ||
+ | * कारावास में प्रमोद रंजन ने 24 मई, 1927 ई. को डिप्टी जेलर की हत्या कर दी। अतः इन पर अभियोग चलाकर इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई तथा 28 सितंबर, 1928 ई. को फांसी के फंदे पर झूलकर चौधरी अमर हो गये। | ||
+ | * यह पहले [[भारतीय सेना]] में सम्मिलित थी किंतु द्वितीय विश्व युद्ध के समय आजाद हिंद फौज में सम्मिलित हो गए थे। | ||
+ | <ref>पुस्तक:स्वतंत्रता सेनानी कोश, पेज संख्या-194</ref> | ||
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प्रमोद रंजन
प्रमोद रंजन बिसवीं सदी के प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। वह आरंभ से ही राजनीतिक कार्यकलापों से जुड़ गए तथा उन्होंने क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रुप से भाग लिया। ये अनुशीलन समिति नामक क्रांतिकारी संस्था से जुड़ गए।
- दक्षिणेश्वर बम कांड में इनका भी योगदान था, अतः 1925 में गिरफ्तार कर लिया गया तथा कारावास में डाल दिया गया।
- कारावास में प्रमोद रंजन ने 24 मई, 1927 ई. को डिप्टी जेलर की हत्या कर दी। अतः इन पर अभियोग चलाकर इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई तथा 28 सितंबर, 1928 ई. को फांसी के फंदे पर झूलकर चौधरी अमर हो गये।
- यह पहले भारतीय सेना में सम्मिलित थी किंतु द्वितीय विश्व युद्ध के समय आजाद हिंद फौज में सम्मिलित हो गए थे।
- ↑ पुस्तक:स्वतंत्रता सेनानी कोश, पेज संख्या-194