"मन्त्र" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
[[चित्र:Gayatri-Mantra.jpg|thumb|[[गायत्री मन्त्र]]]]
 
*[[वैदिक धर्म|वैदिक]] संहिताओं में गायक के विचारों की उपज, ऋचा, [[छन्द]], स्तुति को मन्त्र कहा गया है।  
 
*[[वैदिक धर्म|वैदिक]] संहिताओं में गायक के विचारों की उपज, ऋचा, [[छन्द]], स्तुति को मन्त्र कहा गया है।  
 
*[[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] में [[ऋषि|ऋषियों]] के गद्य या पद्यमय कथनों को मन्त्र कहा गया है।  
 
*[[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] में [[ऋषि|ऋषियों]] के गद्य या पद्यमय कथनों को मन्त्र कहा गया है।  
पंक्ति 8: पंक्ति 9:
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
+
|आधार=  
|प्रारम्भिक=
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|पूर्णता=

08:54, 14 मई 2011 का अवतरण

  • वैदिक संहिताओं में गायक के विचारों की उपज, ऋचा, छन्द, स्तुति को मन्त्र कहा गया है।
  • ब्राह्मणों में ऋषियों के गद्य या पद्यमय कथनों को मन्त्र कहा गया है।
  • साधारणत: किसी भी वैदिक सूक्त अथवा यज्ञोय निरूपणों को मन्त्र कहते हैं, जो ऋक, साम और यजुष कहलाते हैं।
  • ये वेदों के ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषद भाग से भिन्न हैं।
  • किसी देवता के प्रति समर्पित सूक्ष्म प्रार्थना को भी मन्त्र कहते हैं, यथा- शैव सम्प्रदाय का मन्त्र नम: शिवाय और भागवत सम्प्रदाय का नमो भगवते वासुदेवाय
  • शाक्त और तान्त्रिक सम्प्रदायों में अनेक सूक्ष्म और रहस्यमय वाक्यों, शब्दखण्डों और अक्षरों का प्रयोग होता है। उन्हें भी मन्त्र कहते हैं और विश्वास किया जाता है कि उनसे महान शक्तियाँ और सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ