"मलिक हसन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''मलिक हसन''' मूल रूप में एक ब्राह्मण था, जो मुसलमान ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
'''मलिक हसन''' मूल रूप में एक [[ब्राह्मण]] था, जो [[मुसलमान]] बन गया और उसका नाम बदलकर ' मलिक हसन' रखा गया था।
 
'''मलिक हसन''' मूल रूप में एक [[ब्राह्मण]] था, जो [[मुसलमान]] बन गया और उसका नाम बदलकर ' मलिक हसन' रखा गया था।
 
*[[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[मुहम्मद बहमनी शाह तृतीय|मुहम्मद तृतीय]] (1463-1482 ई.) के शासनकाल में वह तेलंगाना का सूबेदार था।
 
*[[बहमनी वंश|बहमनी]] सुल्तान [[मुहम्मद बहमनी शाह तृतीय|मुहम्मद तृतीय]] (1463-1482 ई.) के शासनकाल में वह तेलंगाना का सूबेदार था।
*वह दक्खिनी मुसलमान अमीरों के दल का प्रमुख सदस्य था।
+
*वह दक्षिणी मुसलमान अमीरों के दल का प्रमुख सदस्य था।
 
 
 
*यह दल विदेशी मुसलमान अमीरों के दल के नेता [[महमूद गवाँ]] का विरोधी था।
 
*यह दल विदेशी मुसलमान अमीरों के दल के नेता [[महमूद गवाँ]] का विरोधी था।
 
*मलिक हसन ने उस षड़यंत्र में प्रमुख भाग लिया, जिसके फलस्वरूप 1481 ई. में महमूद गवाँ का वध कर दिया गया।
 
*मलिक हसन ने उस षड़यंत्र में प्रमुख भाग लिया, जिसके फलस्वरूप 1481 ई. में महमूद गवाँ का वध कर दिया गया।

12:05, 29 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

मलिक हसन मूल रूप में एक ब्राह्मण था, जो मुसलमान बन गया और उसका नाम बदलकर ' मलिक हसन' रखा गया था।

  • बहमनी सुल्तान मुहम्मद तृतीय (1463-1482 ई.) के शासनकाल में वह तेलंगाना का सूबेदार था।
  • वह दक्षिणी मुसलमान अमीरों के दल का प्रमुख सदस्य था।
  • यह दल विदेशी मुसलमान अमीरों के दल के नेता महमूद गवाँ का विरोधी था।
  • मलिक हसन ने उस षड़यंत्र में प्रमुख भाग लिया, जिसके फलस्वरूप 1481 ई. में महमूद गवाँ का वध कर दिया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 351 |


संबंधित लेख