"मार्तण्ड सूर्य मंदिर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (श्रेणी:जम्मू; Adding category Category:जम्मू और कश्मीर (को हटा दिया गया हैं।))
छो (Text replacement - "सरंचना" to "संरचना")
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
+
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=सूर्य मंदिर|लेख का नाम=सूर्य मंदिर (बहुविकल्पी)}}
 
[[चित्र:Martand-Sun-Temple.jpg|thumb|250px|मार्तण्ड सूर्य मंदिर, [[अनंतनाग]]]]
 
[[चित्र:Martand-Sun-Temple.jpg|thumb|250px|मार्तण्ड सूर्य मंदिर, [[अनंतनाग]]]]
'''मार्तण्ड सूर्य मंदिर''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[अनंतनाग]] नगर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मार्तण्ड का सूर्य मंदिर [[सूर्य देवता|भगवान सूर्य]] को समर्पित है। यहाँ पर [[सूर्य]] की पहली किरन के साथ ही मंदिर में पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है। मंदिर की उत्तरी दिशा से खूबसूरत [[पर्वत|पर्वतों]] का नज़ारा भी देखा जा सकता हैं। यह मंदिर विश्व के सुंदर मंदिरों की श्रेणी में भी अपना स्थान बनाए हुए है।  
+
'''मार्तण्ड सूर्य मंदिर''' [[जम्मू और कश्मीर]] राज्य के [[अनंतनाग]] नगर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मार्तण्ड का यह मंदिर [[सूर्य देवता|भगवान सूर्य]] को समर्पित है। यहाँ पर [[सूर्य]] की पहली किरन के साथ ही मंदिर में पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है। मंदिर की उत्तरी दिशा से ख़ूबसूरत [[पर्वत|पर्वतों]] का नज़ारा भी देखा जा सकता हैं। यह मंदिर विश्व के सुंदर मंदिरों की श्रेणी में भी अपना स्थान बनाए हुए है।  
 
==निर्माण==  
 
==निर्माण==  
 
इस मंदिर का निर्माण [[कर्कोटक वंश]] से संबंधित राजा [[ललितादित्य मुक्तापीड]] द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था।  
 
इस मंदिर का निर्माण [[कर्कोटक वंश]] से संबंधित राजा [[ललितादित्य मुक्तापीड]] द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था।  
 
==वास्तुकला==
 
==वास्तुकला==
इस मंदिर का प्रांगण 220 फुट x 142 फुट है। यह मंदिर 60 फुट लम्बा और 38 फुट चौड़ा था। इस के चतुर्दिक लगभग 80 प्रकोष्ठों के [[अवशेष]] वर्तमान में हैं। इस मन्दिर के पूर्वी किनारे पर मुख्य प्रवेश द्वार का मंडप है। इसके द्वारों पर त्रिपार्श्वित चाप (मेहराब) थे, जो इस मंदिर की [[वास्तुकला]] की विशेषता है। द्वारमंडप तथा मंदिर के स्तम्भों की वास्तु-शैली ''रोम की डोरिक'' शैली से कुछ अंशों में मिलती-जुलती है।  
+
मार्तण्ड सूर्य मंदिर का प्रांगण 220 फुट x 142 फुट है। यह मंदिर 60 फुट लम्बा और 38 फुट चौड़ा था। इस के चतुर्दिक लगभग 80 प्रकोष्ठों के [[अवशेष]] वर्तमान में हैं। इस मन्दिर के पूर्वी किनारे पर मुख्य प्रवेश द्वार का मंडप है। इसके द्वारों पर त्रिपार्श्वित चाप (मेहराब) थे, जो इस मंदिर की [[वास्तुकला]] की विशेषता है। द्वारमंडप तथा मंदिर के स्तम्भों की वास्तु-शैली ''रोम की डोरिक'' शैली से कुछ अंशों में मिलती-जुलती है। मार्तण्ड मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर कश्मीरी हिंदू राजाओं की स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना है। [[कश्मीर]] का यह मंदिर वहाँ की निर्माण शैली को व्यक्त करता है। इसके स्तंभों में ग्रीक संरचना का इस्तेमाल भी करा गया है।
 
 
मार्तण्ड मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर कश्मीरी हिंदु राजाओं की स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना है। [[कश्मीर]] का यह मंदिर वहाँ की निर्माण शैली को व्यक्त करता है। इसके स्तंभों में ग्रीक सरंचना का इस्तेमाल भी करा गया है।
 
  
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 23: पंक्ति 21:
 
[[Category:जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:जम्मू और कश्मीर के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:पर्यटन_कोश]]
 
[[Category:पर्यटन_कोश]]
[[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]]
+
[[Category:हिन्दू धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू मन्दिर]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
 
[[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
[[Category:नया पन्ना जुलाई-2012]]
+
[[Category:जम्मू और कश्मीर]][[Category:जम्मू और कश्मीर के धार्मिक स्थल]]
[[Category:जम्मू और कश्मीर]]
 
  
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

06:38, 6 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg सूर्य मंदिर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सूर्य मंदिर (बहुविकल्पी)
मार्तण्ड सूर्य मंदिर, अनंतनाग

मार्तण्ड सूर्य मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के अनंतनाग नगर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मार्तण्ड का यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। यहाँ पर सूर्य की पहली किरन के साथ ही मंदिर में पूजा अर्चना का दौर शुरू हो जाता है। मंदिर की उत्तरी दिशा से ख़ूबसूरत पर्वतों का नज़ारा भी देखा जा सकता हैं। यह मंदिर विश्व के सुंदर मंदिरों की श्रेणी में भी अपना स्थान बनाए हुए है।

निर्माण

इस मंदिर का निर्माण कर्कोटक वंश से संबंधित राजा ललितादित्य मुक्तापीड द्वारा करवाया गया था। यह मंदिर सातवीं-आठवीं शताब्दी पूर्व का है। यह मंदिर सन् 725-756 ई. के मध्य बना था।

वास्तुकला

मार्तण्ड सूर्य मंदिर का प्रांगण 220 फुट x 142 फुट है। यह मंदिर 60 फुट लम्बा और 38 फुट चौड़ा था। इस के चतुर्दिक लगभग 80 प्रकोष्ठों के अवशेष वर्तमान में हैं। इस मन्दिर के पूर्वी किनारे पर मुख्य प्रवेश द्वार का मंडप है। इसके द्वारों पर त्रिपार्श्वित चाप (मेहराब) थे, जो इस मंदिर की वास्तुकला की विशेषता है। द्वारमंडप तथा मंदिर के स्तम्भों की वास्तु-शैली रोम की डोरिक शैली से कुछ अंशों में मिलती-जुलती है। मार्तण्ड मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण पूरे देश में प्रसिद्ध है। यह मंदिर कश्मीरी हिंदू राजाओं की स्थापत्य कला का बेहतरीन नमूना है। कश्मीर का यह मंदिर वहाँ की निर्माण शैली को व्यक्त करता है। इसके स्तंभों में ग्रीक संरचना का इस्तेमाल भी करा गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख