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आज का दिन - 29 मार्च 2024 (भारतीय समयानुसार)
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भारतकोश हलचल

भारतकोश हलचल

एकनाथ षष्ठी (31 मार्च) नौचंदी मेला मेरठ प्रारम्भ (31 मार्च) ईस्टर संडे (31 मार्च) रंग पंचमी (30 मार्च) राजस्थान दिवस (30 मार्च) गुड फ़्राइडे (29 मार्च) दाऊजी का हुरंगा (27 मार्च) रंगजी मन्दिर महोत्सव, वृन्दावन (27 मार्च) तुकाराम जयन्ती (27 मार्च) विश्व रंगमंच दिवस (27 मार्च) फाल्गुन पूर्णिमा (25 मार्च) होली (25 मार्च) चैतन्य महाप्रभु जयन्ती (25 मार्च) होलाष्टक समाप्त (24 मार्च) होलिका दहन (24 मार्च) पौर्णमासी व्रत (24 मार्च) विश्व क्षयरोग दिवस (24 मार्च) बलिदान दिवस (23 मार्च) विश्व मौसम विज्ञान दिवस (23 मार्च) प्रदोष व्रत (22 मार्च) विश्व जल दिवस (22 मार्च) विश्व वानिकी दिवस (21 मार्च) विश्व कठपुतली दिवस (21 मार्च) अंतरराष्ट्रीय रंगभेद उन्मूलन दिवस (21 मार्च) विश्व कविता दिवस (21 मार्च) आमलक्य एकादशी (20 मार्च) लट्ठमार होली-जन्मभूमि मथुरा (20 मार्च) मेला खाटू श्याम जी राजस्थान (20 मार्च) विश्व गौरैया दिवस (20 मार्च) लट्ठमार होली नंदगाँव (19 मार्च) लट्ठमार होली बरसाना (18 मार्च) आयुध निर्माण दिवस (18 मार्च) होलाष्टक प्रारम्भ (17 मार्च) लड्डू होली श्रीजी मंदिर, वृन्दावन (17 मार्च) दादू दयाल जयन्ती (17 मार्च) विश्व नींद दिवस (15 मार्च)


जन्म
गुरु अंगद देव (31 मार्च) आनंदी गोपाल जोशी (31 मार्च) रमा शंकर व्यास (31 मार्च) शीला दीक्षित (31 मार्च) पी. जे. कुरियन (31 मार्च) राजेंद्र नारायण सिंह देव (31 मार्च) मीरा कुमार (31 मार्च) कोनेरू हम्पी (31 मार्च) कमला दास (31 मार्च) देविका रानी (30 मार्च) यशस्विनी सिंह देसवाल (30 मार्च) भवानी प्रसाद मिश्र (29 मार्च) रोमेश भंडारी (29 मार्च) उत्पल दत्त (29 मार्च)
मृत्यु
श्यामजी कृष्ण वर्मा (31 मार्च) सरदार पूर्ण सिंह (31 मार्च) मीना कुमारी (31 मार्च) मनोहर श्याम जोशी (30 मार्च) आनंद बख़्शी (30 मार्च) गुरु हर किशन सिंह (30 मार्च) सियारामशरण गुप्त (29 मार्च) श्याम सुंदर कलानी (29 मार्च)

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भारतकोश सम्पादकीय

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
सफलता का शॉर्ट-कट

        जो सफलता का मंच है वह बीसवीं सीढ़ी चढ़ कर मिलेगा और इस मंच पर हम उन्नीस सीढ़ी चढ़ने के बाद भी नहीं पहुँच सकते क्योंकि बीसवीं तो ज़रूरी ही है। अब एक बात यह भी होती है कि उन्नीसवीं सीढ़ी से नीचे देखते हैं तो लगता है कि हमने कितनी सारी सीढ़ियाँ चढ़ ली हैं और न जाने कितनी और भी चढ़नी पड़ेंगी। इसलिए हताश हो जाना स्वाभाविक ही होता है। जबकि हम मात्र एक सीढ़ी नीचे ही होते हैं। ये आख़िरी सीढ़ी कोई भी कभी भी हो सकती है क्योंकि सफलता कभी आती हुई नहीं दिखती सिर्फ़ जाती हुई दिखती है। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र शर्मदार की मौत

एक आलेख

एक आलेख
रामनाथ कोविंद

        राष्ट्रपति अथवा राष्ट्र प्रमुख भारत के प्रथम नागरिक हैं, साथ ही भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख सेनापति भी हैं। राष्ट्रपति के पास पर्याप्त शक्ति होती है पर कुछ अपवादों के अलावा राष्ट्रपति के पद में निहित अधिकांश अधिकार वास्तव में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिपरिषद के द्वारा उपयोग किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में रहते हैं, जिसे 'रायसीना हिल' के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान पर ब्रिटेन के संविधान का व्यापक प्रभाव है। ब्रिटेन के संविधान का अनुकरण करते हुए भारत में संविधान द्वारा संसदीय शासन की स्थापना की गयी है। राष्ट्रपति का चुनाव 'अप्रत्यक्ष निर्वाचन' के द्वारा किया जाता है। अनुच्छेद 54 के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन ऐसे निर्वाचक मण्डल द्वारा किया जाएगा, जिसमें संसद (लोकसभा तथा राज्यसभा) तथा राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होंगे। ... और पढ़ें

पिछले आलेख रसखान की भाषा मौर्य काल

एक व्यक्तित्व

एक व्यक्तित्व
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        पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर भारत के प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। इनका सम्बन्ध ग्वालियर घराने से था। पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर का जितना प्रभावशाली व्यक्तित्व था उतना ही असरदार उनका संगीत भी था। एक बार महात्मा गाँधी ने उनका गायन सुन कर टिप्पणी की थी- “पण्डित जी अपनी मात्र एक रचना से जन-समूह को इतना प्रभावित कर सकते हैं, जितना मैं अपने अनेक भाषणों से भी नहीं कर सकता।” पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर की कालजयी रचनाओं में एक महत्त्वपूर्ण रचना है, ‘वन्देमातरम्...’। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की यह अमर रचना, स्वतंत्र भारत के प्रथम सूर्योदय पर पण्डित जी के स्वरों से अलंकृत होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुई थी। आगे चल कर ‘वन्देमातरम्...’ गीत के आरम्भिक दो अन्तरों को भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्यता प्रदान की थी। ... और पढ़ें

पिछले लेख जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण

एक पर्यटन

एक पर्यटन स्थल
बंगारम द्वीप समूह

        लक्षद्वीप भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। सभी केन्द्रशासित प्रदेशों में लक्षद्वीप सबसे छोटा है। यह भारत की मुख्यभूमि से लगभग 400 किमी दूर पश्चिम दिशा में अरब सागर में अवस्थित है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है परन्तु केवल 7 द्वीपों पर ही जनजीवन है। देशी पयर्टकों को 6 द्वीपों पर जाने की अनुमति है जबकि विदेशी पयर्टकों को केवल 2 द्वीपों (अगाती व बंगाराम) पर जाने की अनुमति है। मुख्य भूमि से दूर इनका प्राकृतिक सौंदर्य, प्रदूषणमुक्त वातावरण, चारों ओर समुद्र और इसकी पारदर्शी सतह पर्यटकों को सम्मोहित कर लेती है। समुद्री जल में तैरती मछलियाँ इन द्वीपों की सुंदरता को और बढ़ा देती हैं। ये द्वीप प्रकृति की एक अद्भुत देन है। यह आश्चर्य की बात है कि यहाँ की धरती का निर्माण मूँगों द्वारा किया गया। उन्होंने ही मानव के रहन-सहन के उपयुक्त बनाया। यह द्वीप पर्यटकों का स्वर्ग है। यहाँ का नैसर्गिक वातावरण देश-विदेश के सैलानियों को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल चंडीगढ़ लाल क़िला

एक रोग

एक रोग
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         डेंगू अथवा 'डेंगी' / 'डेंगू बुख़ार' / 'डेंगू फीवर' / 'डेंगू ज्वर' एक ख़तरनाक संक्रामक रोग है। डेंगू का प्रथम महामारी रूपेण हमला एशिया, अफ़्रीका, उत्तरी अमेरिका में एक साथ सन् 1780 के लगभग हुआ था। इस रोग को 1779 में पहचाना तथा नाम दिया गया था। आम भाषा में इस बीमारी को "हड्डी तोड़ बुख़ार" कहा जाता है, क्योंकि इसके कारण शरीर व जोड़ों में बहुत दर्द होता है। डेंगू के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने तथा इसके प्रति सचेत रहने के लिए ही प्रतिवर्ष '10 अगस्त' को 'डेंगू निरोधक दिवस' मनाया जाता है। डेंगू सभी मच्छर से नहीं फैलता है। इस रोग का वाहक एड़ीज मच्छर की दो प्रजातियां हैं- एडीज एजिपटाई तथा एडीज एल्बोपेक्टस। जिस दिन डेंगू वायरस से संक्रमित कोई मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो उसके लगभग 3-5 दिनों बाद ऐसे व्यक्ति में डेंगू बुख़ार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह संक्रामक काल 3-10 दिनों तक भी हो सकता है। ...और पढ़ें

पिछले लेख मधुमेह ऑटिज़्म

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

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महत्त्वपूर्ण आकर्षण

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समाचार

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अंडर-19 विश्वकप ट्रॉफी 2018 के साथ भारतीय क्रिकेट टीम
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सुशील कुमार
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दिल्ली का विश्व प्रसिद्ध क़ुतुब मीनार

क़ुतुब मीनार, दिल्ली