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10:58, 31 अक्टूबर 2010 का अवतरण

  • राजेन्द्र प्रथम की मृत्यु के अनन्तर उसका पुत्र राजाधिराज चोल साम्राज्य का स्वामी बना।
  • उसकी शक्ति का उपयोग प्रधानतया उन विद्रोहों को शान्त करने में हुआ, जो उसके विशाल साम्राज्य में समय-समय पर होते रहते थे।
  • विशेषतया, पाड्य, केरल और सिंहल के राज्यों ने राजाधिराज के शासन काल में स्वतंत्र होने का प्रयत्न किया, पर चोलराज ने उन्हें बुरी तरह से कुचल डाला।
  • सुदूर दक्षिण के प्रदेशों में अपने शासन को सुव्यवस्थित रूप से स्थापित कर राजाधिराज ने कल्याणी के चालुक्य राज्य के साथ संघर्ष शुरू किए।
  • पर इन युद्धों में उसे सफलता नहीं मिली, और चालुक्यों के साथ युद्ध करते हुए रणक्षेत्र में ही उसकी मृत्यु हो गई।

 



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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