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*उत्तरी [[भारत]] की पहली मस्जिद 'कुवैत-उल-इस्लाम' इसी क़िले में स्थित है। | *उत्तरी [[भारत]] की पहली मस्जिद 'कुवैत-उल-इस्लाम' इसी क़िले में स्थित है। | ||
*हिन्दुवादी आभूषणकला का प्रभाव मस्जिद के खम्बों एवं छत पर सर्वत्र देखा जा सकता है। | *हिन्दुवादी आभूषणकला का प्रभाव मस्जिद के खम्बों एवं छत पर सर्वत्र देखा जा सकता है। | ||
− | *मस्जिद के बीच में गुप्तकालीन लोहे का 7.20 मीटर लम्बा खम्बा है। | + | *मस्जिद के बीच में [[गुप्त काल|गुप्तकालीन]] [[लोहा|लोहे]] का 7.20 मीटर लम्बा खम्बा है। |
− | *यह खम्बा युद्धों में अभेद खड़ा रहा, जो इस बात की गवाही देता है कि प्राचीन भारत में धातु की कितनी विस्तृत धारणा थी। | + | *यह खम्बा युद्धों में अभेद खड़ा रहा, जो इस बात की गवाही देता है कि प्राचीन [[भारत]] में [[धातु]] की कितनी विस्तृत धारणा थी। |
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05:25, 19 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
लालकोट दिल्ली में स्थित है।
- सन 1960 में राजपूतों द्वारा बनाया गया यह परकोटा ही सर्वप्रथम दिल्ली के नाम से जाना जाता था।
- उत्तरी भारत की पहली मस्जिद 'कुवैत-उल-इस्लाम' इसी क़िले में स्थित है।
- हिन्दुवादी आभूषणकला का प्रभाव मस्जिद के खम्बों एवं छत पर सर्वत्र देखा जा सकता है।
- मस्जिद के बीच में गुप्तकालीन लोहे का 7.20 मीटर लम्बा खम्बा है।
- यह खम्बा युद्धों में अभेद खड़ा रहा, जो इस बात की गवाही देता है कि प्राचीन भारत में धातु की कितनी विस्तृत धारणा थी।
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