विक्रम चोल

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  • विक्रमादित्य षष्ठ के मरने के बाद उसने पुनः वेंगी पर पुन: अधिकार कर लिया।
  • 1133 ई. के लगभग उसने पश्चिमी चालुक्य नरेश सोमेश्वर तृतीय को पराजित किया।
  • वह अपने पिता की नतियों एवं आदर्शों के बिल्कुल प्रतिकूल प्रवृत्ति का था।
  • वह धार्मिक दृष्टि से एक असहिष्णु प्रवृत्ति का व्यक्ति था।
  • विक्रम चोल ने चिदंबरम् के नटराज मंदिर को अपार दान दिया था।
  • उसने ‘अकलक’ एवं ‘त्याग समुद्र’ की उपाधियाँ धारण की थीं।


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