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*हरियाणा के [[कुरुक्षेत्र]] में स्थित यह प्रसिद्ध तीर्थ [[हिन्दू धर्म]] में बहुत महत्त्व रखता है।
 
*हरियाणा के [[कुरुक्षेत्र]] में स्थित यह प्रसिद्ध तीर्थ [[हिन्दू धर्म]] में बहुत महत्त्व रखता है।
*सन्निहित सरोवर कुरुक्षेत्र में [[कैथल]] मार्ग पर श्रीकृष्ण संग्रहालय के पास स्थित है तथा मुख्य मार्ग पर इसका विशाल द्वार बना हुआ है।
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*सन्निहित सरोवर कुरुक्षेत्र में [[कैथल]] मार्ग पर 'श्रीकृष्ण संग्रहालय' के पास स्थित है तथा मुख्य मार्ग पर इसका विशाल द्वार बना हुआ है।
 
*ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर [[महाभारत]] के युद्ध के बाद [[पांडव|पांडवों]] ने सभी दिवंगतों की मुक्ति के लिए [[पिंडदान]] आदि कार्य किया था।
 
*ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर [[महाभारत]] के युद्ध के बाद [[पांडव|पांडवों]] ने सभी दिवंगतों की मुक्ति के लिए [[पिंडदान]] आदि कार्य किया था।
 
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*यहाँ एक विशाल सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसके चारों ओर रात्रि के लिए प्रकाश व्यवस्था भी की गई है।<ref>{{cite web |url=http://amansandesh.blogspot.in/search/label/%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%20%E0%A4%95%E0%A5%87%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%20%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A5|title=कुरुक्षेत्र के प्रमुख तीर्थ|accessmonthday=20 अगस्त|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
*इस तीर्थ स्थान पर सभी देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं, जिनमें इसके पास ही स्थित प्राचीन लक्ष्मी-नारायण मंदिर प्रमुख है। अन्य सभी मंदिर सरोवरके आस-पास बने हुए हैं और तीर्थ की शोभा बढ़ाते हैं।
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*इस तीर्थ स्थान पर सभी देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं, जिनमें इसके पास ही स्थित प्राचीन 'लक्ष्मी-नारायण मंदिर' प्रमुख है। अन्य सभी मंदिर सरोवरके आस-पास बने हुए हैं और तीर्थ की शोभा बढ़ाते हैं।
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*सन्निहती का उल्लेख [[महाभारत]], [[वनपर्व महाभारत|वनपर्व]]<ref>वनपर्व 83, 195</ref> में हुआ है-
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अर्थात 'प्रत्येक मास की [[अमावस्या]] को ([[पृथ्वी]] के सभी [[तीर्थ]]) सन्निहती में आते हैं और तीर्थाें के समूह के कारण ही इस स्थान को सन्निहती कहा जाता है।'<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=933|url=}}</ref>
  
 
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14:22, 13 सितम्बर 2014 के समय का अवतरण

सन्निहित सरोवर हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। यहाँ सभी हिन्दू देवी-देवताओं के मन्दिर हैं।

  • हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित यह प्रसिद्ध तीर्थ हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व रखता है।
  • सन्निहित सरोवर कुरुक्षेत्र में कैथल मार्ग पर 'श्रीकृष्ण संग्रहालय' के पास स्थित है तथा मुख्य मार्ग पर इसका विशाल द्वार बना हुआ है।
  • ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर महाभारत के युद्ध के बाद पांडवों ने सभी दिवंगतों की मुक्ति के लिए पिंडदान आदि कार्य किया था।
  • यहाँ एक विशाल सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसके चारों ओर रात्रि के लिए प्रकाश व्यवस्था भी की गई है।[1]
  • इस तीर्थ स्थान पर सभी देवी-देवताओं के मंदिर स्थित हैं, जिनमें इसके पास ही स्थित प्राचीन 'लक्ष्मी-नारायण मंदिर' प्रमुख है। अन्य सभी मंदिर सरोवरके आस-पास बने हुए हैं और तीर्थ की शोभा बढ़ाते हैं।
  • सन्निहती का उल्लेख महाभारत, वनपर्व[2] में हुआ है-

'मासि मासि नरव्याघ्र संनिहत्यां न संशयः तीर्थसंनिहनादेव संनिहत्येति विश्रुता।'

अर्थात 'प्रत्येक मास की अमावस्या को (पृथ्वी के सभी तीर्थ) सन्निहती में आते हैं और तीर्थाें के समूह के कारण ही इस स्थान को सन्निहती कहा जाता है।'[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कुरुक्षेत्र के प्रमुख तीर्थ (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 20 अगस्त, 2013।
  2. वनपर्व 83, 195
  3. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 933 |

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