सर जॉन शोर

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  • इनके समय में ब्रिटिश संसद ने 1793 ई. का चार्टर एक्ट पास किया था।
  • सर जॉन शोर के काल में निज़ाम और मराठों के बीच 1795 ई. में 'खुर्दा का युद्ध' लड़ा गया।
  • इस समय जॉन शोर ने हस्तक्षेप की नीति का पालन किया था।
  • इन्होंने केवल अवध के मामलें में हस्तक्षेप किया।
  • आसफ़उद्दौला की मुत्यु के बाद अवध में उत्तराधिकार की समस्या शुरू हो गयी थी।
  • आसफ़द्दौला वज़ीर अली को नवाब बनाना चाहता था, किन्तु सर जॉन शोर ने उसकी एक न चलने दी।
  • उन्होंने आसफ़उद्दौला के दूसरे पुत्र 'सआदत अली' को नवाब घोषित किया एवं उसके साथ संधि कर ली।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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