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         '''[[कृष्ण जन्माष्टमी]]''' भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] का जन्मोत्सव है। कृष्ण जन्माष्टमी को [[भारत]] में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना [[अवतार]] [[भाद्रपद]] [[मास|माह]] की [[कृष्ण पक्ष]] [[अष्टमी]] को मध्यरात्रि में अपने मामा [[कंस]] का विनाश करने के लिए [[मथुरा]] में लिया था। इस अवसर पर देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और पूरे दिन व्रत रखकर नर-नारी तथा बच्चे रात्रि 12 बजे मन्दिरों में [[अभिषेक]] होने पर [[पंचामृत]] ग्रहण कर [[व्रत]] खोलते हैं। [[कृष्ण जन्मभूमि]] के अलावा [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|द्वारकाधीश]], [[बांके बिहारी मन्दिर|बांके बिहारी जी]] एवं अन्य सभी मन्दिरों में इसका भव्य आयोजन होता है। [[कृष्ण जन्माष्टमी|... और पढ़ें]]
 
         '''[[कृष्ण जन्माष्टमी]]''' भगवान [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] का जन्मोत्सव है। कृष्ण जन्माष्टमी को [[भारत]] में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना [[अवतार]] [[भाद्रपद]] [[मास|माह]] की [[कृष्ण पक्ष]] [[अष्टमी]] को मध्यरात्रि में अपने मामा [[कंस]] का विनाश करने के लिए [[मथुरा]] में लिया था। इस अवसर पर देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और पूरे दिन व्रत रखकर नर-नारी तथा बच्चे रात्रि 12 बजे मन्दिरों में [[अभिषेक]] होने पर [[पंचामृत]] ग्रहण कर [[व्रत]] खोलते हैं। [[कृष्ण जन्मभूमि]] के अलावा [[द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा|द्वारकाधीश]], [[बांके बिहारी मन्दिर|बांके बिहारी जी]] एवं अन्य सभी मन्दिरों में इसका भव्य आयोजन होता है। [[कृष्ण जन्माष्टमी|... और पढ़ें]]

15:20, 16 अगस्त 2014 का अवतरण

एक आलेख
Vasudev-Krishna.jpg

        कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव है। कृष्ण जन्माष्टमी को भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष अष्टमी को मध्यरात्रि में अपने मामा कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया था। इस अवसर पर देश–विदेश से लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और पूरे दिन व्रत रखकर नर-नारी तथा बच्चे रात्रि 12 बजे मन्दिरों में अभिषेक होने पर पंचामृत ग्रहण कर व्रत खोलते हैं। कृष्ण जन्मभूमि के अलावा द्वारकाधीश, बांके बिहारी जी एवं अन्य सभी मन्दिरों में इसका भव्य आयोजन होता है। ... और पढ़ें


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