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*12 मासों से '''सौर वर्ष''' बनता है तथा सौर वर्ष का प्रथम दिन सौर मास का प्रथम दिन 'मेष' होता है।  
 
*यदि सूर्य का राशि में प्रवेश दिन में होता है तो वह दिन मास का प्रथम दिन होता है। यदि प्रवेश रात्रि में होता है तो दूसरा दिन मास का प्रथम दिन होता है।  
 
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09:41, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण

  • सौर मास उस अवधि का सूचक है जो सूर्य द्वारा एक राशि को पार करने से बनती है।
  • 12 मासों से सौर वर्ष बनता है तथा सौर वर्ष का प्रथम दिन सौर मास का प्रथम दिन 'मेष' होता है।
  • यदि सूर्य का राशि में प्रवेश दिन में होता है तो वह दिन मास का प्रथम दिन होता है। यदि प्रवेश रात्रि में होता है तो दूसरा दिन मास का प्रथम दिन होता है।
  • किसी राशि में सूर्य के प्रवेश का काल विभिन्न पंचांगों में विभिन्न होता है, किसी पंचांग में सूर्यास्त के पूर्व और किसी में सूर्यास्त के उपरान्त होता है। अतः मास के प्रथम दिन के विषय में एक दिन का अन्तर हो सकता है।
  • विभिन्न अयनाशों एवं वर्ष की लम्बाई के अन्तर के प्रयोग से दृक्, वाक्य एवं सिद्धान्त पंचांगों में अन्तर पड़ सकता है और पर्व-उत्सवों के विषय में वर्ष के प्रथम दिन में भिन्नता पाई जा सकती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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