अरण्य षष्ठी
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- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की षष्ठी को होता है।
- राजमार्तण्ड[1] में ऐसा आया है कि नारियाँ हाथ में पंखे एवं तीर लेकर अरण्य (वन) में घूमती हैं।
- गदाधरपति[2] में इसे स्कन्दषष्ठी भी कहा गया है।
- यह व्रत तिथिव्रत होता है।
- विन्ध्यवासिनी एवं स्कन्द की पूजा की जाती है।[3]
- इसे करने वाले अपने बच्चों के स्वास्थ्य के लिए कमल-नाल, कन्दमूल एवं फलों का सेवन करते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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