अंशुमान सिंह

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अंशुमान सिंह
अंशुमान सिंह
पूरा नाम अंशुमान सिंह
जन्म 7 जुलाई, 1935
जन्म भूमि भडिवार गांव, शंकरगढ़, प्रयागराज
मृत्यु 8 मार्च, 2021
मृत्यु स्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ, राजस्थान और गुजरात के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व न्यायमूर्ति
पद राज्यपाल, गुजरात - 17 अप्रैल, 1998 से 13 मई, 2003 तक

राज्यपाल, राजस्थान - 16 जनवरी, 1999 से 14 मई, 2003 तक

शिक्षा विधि स्नातक
विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी साल 1994 से 1997 तक अंशुमाान सिंह को राजस्थान राज्य विधि सेवा अधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

अंशुमान सिंह (अंग्रेज़ी: Anshuman Singh, जन्म- 7 जुलाई, 1935; मृत्यु- 8 मार्च, 2021) राजस्थान और गुजरात के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व न्यायमूर्ति थे। वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 28 साल तक अधिवक्ता रहे थे। 1994 में वरिष्ठ जज के रूप में राजस्थान हाईकोर्ट में उनका स्थानांतरण कर दिया गया, जहां 1996 में वे मुख्य न्यायाधीश बने। अपनी सेवानिवृत्ति तक वे इसी पद पर रहे।

परिचय

अंशुमान सिंह का जन्म 7 जुलाई, 1935 को प्रयागराज (इलाहाबाद) के शंकरगढ़ के भडिवार गांव में हुआ था। उन्होंने साल 1957 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की उपाधि हासिल की थी। महज 22 साल की आयु में उन्होंने इलाहाबाद जिला सत्र न्यायालय से वकालत शुरू कर दी थी। इसके बाद 1968 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़े और 1976 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकारी वकील के रूप में नियुक्त कर दिये गये। अंशुमान सिंह प्रयागराज में स्टेनली रोड स्थित अपनी सुमित्रानंदन पंत कोठी में पत्नी चंद्रावती सिंह और छोटे बेटे अधिवक्ता वरुण सिंह के साथ रहते थे।[1]

विभिन्न पदों पर कार्य

  • सन 1984 में अंशुमान सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट में जज बने।
  • 1994 में वरिष्ठ जज के रूप में राजस्थान हाईकोर्ट में उनका स्थानांतरण कर दिया गया, जहां 1996 में वे मुख्य न्यायाधीश बने। अपनी सेवानिवृत्ति तक वे इसी पद पर रहे।
  • साल 1994 से 1997 तक अंशुमाान सिंह को राजस्थान राज्य विधि सेवा अधिकरण का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 17 अप्रैल, 1998 को उन्हें गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया। इस पद पर वे 13 मई, 2003 तक आसीन रहे।
  • अंशुमान सिंह 16 जनवरी, 1999 से 14 मई, 2003 तक राजस्थान के भी राज्यपाल रहे। वे राजस्थान के 19वें राज्यपाल थे। उनको कार्यवाहक राज्यपाल नवरंगलाल टिबरेवाल के स्थान पर राजस्थान का राज्यपाल बनाया गया था।

वर्ष 2020 के कोरोना काल में अंशुमान सिंह अचानक चर्चा में आए थे। लॉकडाउन के दौरान उनका बड़ा बेटा अरुण सिंह अमेरिका से घर वापस आ रहा था। वह चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचा था, जैसे ही यह बात अंशुमान सिंह को पता चली तो उन्होंने बेटे को वहीं से वापस कर दिया था। बाद में जब उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ऐसा उन्होंने किया था। बेटे का घर आना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने जैसा था।

मृत्यु

अंशुमान सिंह का निधन 8 मार्च, 2021 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश के 'संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट' में सुबह करीब 4 बजे हुआ। प्रयागराज के शंकरगढ़ घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। अंशुमान सिंह के निधन पर राजस्थान में एक दिन का राजकीय अवकाश घोषित किया गया। इस दौरान सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जस्टिस अंशुमान सिंह का 85 साल की आयु में निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 08 मार्च, 2020।

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