अजीत सिंह (राजनीतिज्ञ)

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अजीत सिंह (राजनीतिज्ञ)
चौधरी अजीत सिंह
चौधरी अजीत सिंह
पूरा नाम चौधरी अजीत सिंह
जन्म 12 फ़रवरी, 1939
जन्म भूमि भड़ोला, मेरठ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 6 मई, 2021
मृत्यु स्थान गुरुग्राम, हरियाणा
अभिभावक पिता- चौधरी चरण सिंह

माता- गायत्री देवी

पति/पत्नी राधिका सिंह
संतान जयंत चौधरी
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी राष्ट्रीय लोक दल
कार्य काल नागरिक उड्डयन मंत्री- 18 दिसंबर 2011 से 26 मई 2014

कृषिमंत्री- 22 जुलाई 2001 से 24 मई 2003
वाणिज्य और उद्योग मंत्री- 5 दिसम्बर 1989 से 10 नवम्बर 1990

अन्य जानकारी चौधरी अजीत सिंह 2004 में बागपत से पांचवें कार्यकाल के लिए 14वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए, जहां उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार औलाद अली को 220638 मतों के अंतर से हराया था।

चौधरी अजीत सिंह (अंग्रेज़ी: Chaudhary Ajit Singh, जन्म- 12 फ़रवरी, 1939; मृत्यु- 6 मई, 2021) भारतीय राजनीतिज्ञ और राजनीति के प्रमुख राष्ट्रीय नेता थे। वह भूतपूर्व प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह के पुत्र थे। चौधरी अजीत सिंह एनडीए सरकार में कृषि मंत्री रहे और 2011 से वह केन्द्र की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे। अजीत सिंह राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक और प्रमुख थे। पहले उन्होंने 1987 और 1988 के दौरान लोक दल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता की। उन्होंने छह कार्यकालों के लिए बागपत निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में कार्य किया। उन्हें पहली बार 1989 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था। बाद में उन्होंने 1995, 2001 और 2011 में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया।

परिचय

भूतपूर्व प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह के पुत्र और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह का जन्म 12 फ़रवरी, 1939 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था. लोकप्रिय जाट नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले चुके अजीत सिंह ने लखनऊ विश्वविद्यालय और आईआईटी खड़गपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की थी। सत्रह वर्ष अमरीका में काम करने के बाद चौधरी अजीत सिंह वर्ष 1980 में अपने पिता द्वारा स्थापित लोक दल को एक बार फिर सक्रिय करने के उद्देश्य से भारत लौटे थे. इनके परिवार में पत्नी राधिका सिंह और दो बच्चे हैं. अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य हैं.

राजनीतिक सफर

वर्ष 1986 में राज्य सभा सदस्य के तौर पर संसद में प्रवेश करने वाले चौधरी अजीत सिंह सात बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके थे. 1987 में अजीत सिंह ने लोक दल (अजीत) नाम से लोक दल के अलग गुट का निर्माण किया. एक वर्ष बाद ही लोक दल (अजीत) का जनता पार्टी के साथ विलय कर दिया गया. चौधरी अजीत सिंह इस नव निर्मित दल के अध्यक्ष बनाए गए. जब जनता पार्टी, लोक दल और जन मोर्चा के विलय के साथ जनता दल का निर्माण किया गया तब चौधरी अजीत सिंह ही इसके महासचिव चुने गए.

विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में चौधरी अजीत सिंह 1989-1990 तक केन्द्रीय उद्योग मंत्री रहे. नब्बे के दशक में अजीत सिंह कांग्रेस के सदस्य बन गए. पी. वी. नरसिंह राव के काल में वर्ष 1995-1996 तक वह खाद्य मंत्री भी रहे. 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीतने के बाद वह लोकसभा सदस्य बने. लेकिन एक वर्ष के भीतर ही उन्होंने लोकसभा और कांग्रेस से इस्तीफा देकर 'भारतीय किसान कामगार पार्टी' का निर्माण किया. अगले उपचुनावों में वह इसी दल के प्रत्याशी के तौर पर बागपत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते.

सन 1998 में हुई हार उनके राजनैतिक जीवन की एक मात्र असफलता है. 1999 में अजीत सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल का निर्माण किया. जुलाई 2001 के आम-चुनावों में इस दल का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार का निर्माण किया गया. अजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री के तौर पर कृषि मंत्रालय का पदभार सौंपा गया था. इसके बाद अजीत सिंह ने अपनी पार्टी को बीजेपी और बसपा के गठबंधन में शामिल कर लिया. लेकिन बीजेपी और बीएसपी के अलग होने से कुछ समय पहले ही अजीत सिंह ने अपनी पार्टी को बीएसपी से अलग कर लिया, जिसके कारण बीएसपी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई.

मुलायम सिंह यादव के सत्ता में आने के साथ अजीत सिंह ने 2007 तक उन्हें अपना समर्थन दिया. लेकिन किसान नीतियों में मदभेद के चलते उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया. 2009 के चुनावों में उन्होंने एनडीए के घटक के तौर पर चुनाव लड़ा और वह पंद्रहवीं लोकसभा में चुने गए.

मृत्यु

'राष्ट्रीय लोक दल' के अध्यक्ष और पश्चिम यूपी के लोकप्रिय जाट नेता अजीत सिंह का कोरोना संक्रमण की वजह से 6 मई, 2021 को निधन हो गया. अजीत सिंह और उनकी पोती 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुये थे। इसके बाद से उनका इलाज गुरुग्राम के अस्पताल में चल रहा था।

आरएलडी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन पर देशभर के नेताओं ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ है। वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे। उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति"।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गाँधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, बसपा नेता आदि ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि दी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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