अवश्यम्‌

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अवश्यम् (अव्ययीभाव) [अवश्यै+डमु-तारा.]

1. आवश्यक रूप से, अनिवार्य रूप से-त्वामप्यत्रं नवजलमयं मोचयिष्यन्त्यवश्यम्[1]

2. निश्चय से, चाहे कुछ भी हो, सर्वथा, यकीनन, निस्संदेह-अवश्यं यातारश्चिरतरमुषित्वापि विषयाः[2], तां चावश्यं दिवसगणनातत्परामेकपत्नीम् (द्रक्ष्यसि) [3], अवश्यमेव अत्यन्त निश्चयपूर्वक, यदि इसे स.कृ. के साथ जोड़ा जाता है तो इसका अन्त्य अनुनासिकत्व लुप्त हो जाता है-अवश्यपाच्य-जो निश्चित रूप से पकाया जाय; अवश्यकार्य-जो निश्चित रूप से किया जाता है।[4]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -मेघ. 95
  2. -भर्तृ. 3/16
  3. मेघ. 10/63
  4. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 123 |

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