अशोक (शब्द संदर्भ)
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अशोक (विशेषण) [नञ् बहुव्रीहि समास]
- जिसे कोई रंज न हो, जो किसी प्रकार के रंज या शोक का अनुभव न करता हो,-कः (पुल्लिंग)
-कम् (नपुंसक लिंग)
- 1. अशोक वृक्ष का फूलना (कामदेव के पाँच बाणों में से एक)
- 2. पारा
समस्त पद'-अरिः (पुल्लिंग) कदंब वृक्ष,-अष्टमी (स्त्रीलिंग) चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी,-तरु:,-नग:,-वृक्ष: (पुल्लिंग) अशोक वृक्ष,-त्रिरात्र: (पुल्लिंग) -त्रम् एक उत्सव का नाम जो तीन रात तक रहता है,-वनिका (स्त्रीलिंग) अशोक वृक्षों का उद्यान, °न्याय।[1]
इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 131 |
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