आइसक्रीम
आइसक्रीम (Ice cream) एक प्रकार की मलाई की कुल्फी जो दूध, क्रीम, चीनी और सुगंध के मिश्रण को ठंडा करके जमा देने से बनती है। खाने में यह अति स्वादिष्ट होती है और स्वच्छता से बनाई जाने पर यह स्वास्थ्यप्रद आहार है। विटामिन और कैलशियम से भरपूर आइसक्रीम सबका पसंदीदा, शीतल और स्वास्थ्यप्रद व्यंजन है जो ताजा दूध, मक्खन, अंडे, फलों और सूखे मेवों द्वारा तैयार किया जाता है। आइसक्रीम बनाने वाले बड़े-बड़े संस्थान भिन्न-भिन्न रंगों और फ्लेवर में अनेक प्रकार की आइसक्रीम बनाते हैं।
आइसक्रीम का नाम सुनते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है और ठंडक-सी घुलने लगती है। आइसक्रीम के दीवाने बच्चे और युवा सभी होते हैं। एक ठंडा मीठा अहसास पल भर में विद्युत धारा की तरह पूरे शरीर में प्रवाहित हो जाता है और मन प्रसन्न हो जाता है। किसी की समारोह में आइसक्रीम के बिना सब अधूरा ही माना जाता है। शादी, जन्म दिन, किसी भी समारोह के प्रीतिभोजों में सबसे ज़्यादा भीड़ आइसक्रीम की स्टॉल्स पर ही दिखाई देती है।
घातक पदार्थ
आइसक्रीम बनाने के लिए सभी बड़े संस्थान शरीर के लिए घातक ट्रांसफैट युक्त हाइड्रोजिनेटेड वनस्पति घी (साधारण भाषा में कहें तो डालडा), मक्खन रहित दूध का पाउडर, हाई फ्रक्टोज कोर्न सिरप, कृत्रिम मिठास या एस्पार्टेम और विषैले एडीटिव्ज जैसे कार्बोक्सीमिथाइल सेल्यूलोज, ब्यूटिरेल्डीहाइड, एमाइल एसीटेट आदि को इस्तेमाल करते हैं। आइसक्रीम बनाने के लिए अंडे की जगह सस्ता रसायन डाईइथाइल ग्लाइकोल प्रयोग किया जाता है, जिसका प्रमुख उपयोग रंग-रोगन साफ़ करना है। ज़्यादा मुनाफा कमाने और आइसक्रीम का आकार बड़ा करने के लिए आइसक्रीम में हवा भी मिला दी जाती है, हालांकि यह हवा हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुँचाती है।
आइसक्रीम बनाने के लिए एल्डीहाइड सी-17 नामक खतरनाक विष का इस्तेमाल किया जाता है, जो एक ज्वलनशील रसायन है और रंग रोगन, प्लास्टिक तथा रबड़ बनाने के काम में आता है। वनीला आइसक्रीम पिपरोनाल नामक जुएँ मारने की दवा से तैयार होती है। आइसक्रीम को अन्नानास का फ्लेवर चमड़ा और कपड़ा साफ़ करने का रसायन इथाइल एसीटेट देता है। इथाइल एसीटेट हृदय, यकृत और फैफड़े के लिए बहुत हानिकारक है।
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