आत्मसम्मान आन्दोलन

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आत्मसम्मान आन्दोलन वर्ष 1920 में ई. वी. रामास्वामी नायकर द्वारा दक्षिण भारत में प्रारम्भ किया गया था।

  • ई. वी. रामास्वामी नायकर जो कि 'पेरियार' के नाम से प्रसिद्ध थे, ने इसकी शुरुआत की थी। इन्होंने हरिजनों को सहयोग दिया और वायकोम सत्याग्रह का नेतृत्व किया।
  • रामास्वामी नायकर ने मनु धर्म शास्त्रों और 'रामायण' को जलाने की वकालत की। हिन्दू रूढ़िवादिता का खण्डन किया।
  • वर्ष 1925 में नायकर ने अपना एक समाचार पत्र ‘कुदी-अरासु’ निकाला और एक उग्र समाज सुधारक के रूप में जाने गए।
  • नायकर पेरियार ने धर्म के साथ-साथ ब्राह्मणों के आधिपत्य और जाति प्रथा पर भी आक्रमण किया। विधवा विवाह और परिवार नियोजन जैसे मुद्दों पर बल दिया।
  • ‘आत्म सम्मान लीग’ सन 1944 में 'जस्टिस पार्टी' के साथ मिलकर ‘द्रविड़कड़गम’ बनी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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