आदित्य तीर्थ महाभारत काल में सरस्वती नदी के तट पर स्थित एक तीर्थ, जिसकी यात्रा बलराम जी ने अन्य तीर्थों के साथ की थी-
'वनमाली ततो हृष्ट: स्तूयमानो महर्षिभि:,
तस्मादादित्यतीर्थं च जगाम कमलेक्ण:'[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 62| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ महाभारत शल्य पर्व 49, 17
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