उत्सव मनाना छोड़ ज़िंदगी -सीमा सिंघल

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उत्सव मनाना छोड़ ज़िंदगी -सीमा सिंघल
सीमा सिंघल 'सदा'
पूरा नाम सीमा सिंघल 'सदा'
अन्य नाम सदा
जन्म भूमि रीवा, मध्य प्रदेश
मुख्य रचनाएँ अर्पिता साझा काव्य संकलन, अनुगूंज, शब्दों के अरण्य में, हमारा शहर, बालार्क।
भाषा हिन्दी
शिक्षा एम.ए. (राजनीति शास्त्र)
नागरिकता भारतीय
ब्लॉग सीमा सिंघल 'सदा'
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इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

कभी भी मैं
जन्म से मृत्यु का ज़िक्र
नहीं करता
हर बरस होता है एक उत्सव
उसके निकट जाने का
शुभकामनाओं के साथ
मीठा पकाते भी हैं
और खिलाते भी
आनन्द उत्साह हर्ष
सभी मिलते हैं गले से
बारी - बारी
जानें तो पर मानें ना
जिंदगी से कुछ
क़ीमती लेने की है तैयारी !!
...
मैं नहीं करता
अनुनय, विनय
कभी भी किसी से
मिलता हूँ ....
मुस्कराता भी और नहीं भी
प्रकृति लेती भी और देती भी
जल जीवन भी तबाही भी
इसका अर्थ ये तो
बिलकुल भी नहीं
कि उत्सव मनाना छोड़
ज़िन्दगी लकीर की फ़कीर
हो जाये !!!!

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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