ओनेस
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ओनेस हेक केमरलिंग (1853-1926 ई.) लाइडेन (नेदरलैंड्स) के वैज्ञानिक थे। प्रसिद्ध क्रायोजेनिक प्रयोगशाला में अति निम्नताप पर उन्होंने शोधकार्य आरंभ किया और हीलियम गैस को द्रव में परिणत करने में उन्हें सफलता मिली। तदनंतर हीलियम द्रव को ठोस में रूपांतरित करने का भी उन्होंने प्रयत्न किया परंतु असफल रहे। इस कार्य को उसी प्रयोगशाला में दूसरे वैज्ञानिक कीसम ने पूरा किया। ओनेस अनुमानत: 0.9 डिग्री परम ताप तक पहुँचने में भी सफल हुए। वे बहुत ही सरल स्वभाव के तथा नवयुवकों को प्रोत्साहित करनेवाले वैज्ञानिक थे। उनको 1912 ई में रमफ़ोर्ड मेडल तथा सन् 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला।[1]
वैज्ञानिक उपकरण बनानेवाले प्रशिक्षित युवकों को वे अधिक प्रोत्साहन देते थे। वहाँ के सीखे हुए लोग दूसरी प्रयोगशालाओं में भी बहुत ही मूल्यवान् समझे जाते थे।[2]
|
|
|
|
|