कपिल मुनि का मेला
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कपिल मुनि का मेला राजस्थान के बीकानेर में कोलायत स्थान पर लगता है। कोलायत का मूल नाम कपिलायतन है जो कपिल ऋषि के नाम पर रखा गया है। माना जाता है कि कपिल मुनि ने मानव जाति के कल्याण के लिए यहाँ तपस्या की थी।
- कपिल मुनि का मेला कोलायत में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होता है। यह बीकानेर जिले का सबसे बड़े मेला है। कोलायत शुष्क क्षेत्र में स्थित है। यहाँ 52 घाटों वाली एक झील है जो चारों ओर बरगद के पेड़ से आच्छादित है। यहाँ कपिल मुनि को समर्पित एक मंदिर कपिल मुनि घाट पर स्थित है जिसमें इस महान संत की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है।
- स्वयं को पापों से छुड़ाने तथा मोक्ष के लिए यहाँ लोग बड़ी संख्या में वर्ष भर कोलायत झील में पवित्र डुबकी लेने के लिए आते हैं। हालांकि कार्तिक पूर्णिमा पर झील में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
- झील के किनारे कई मंदिर स्थित हैं। यहाँ पर कुछ घाट केवल महिलाओं के स्नान के लिए है जो उन्हें गोपनीयता प्रदान करते हैं।
- कोलायत की यात्रा को एक तीर्थ स्थल के समकक्ष ही अपितु उससे भी श्रेष्ठ माना गया है। यहाँ पर आने और एक रात्रि के प्रवास को अन्य तीर्थ पर 10 वर्षों के प्रवास के तुल्य माना जाता है।
- प्रसिद्ध महर्षि कपिल तथा कपिलायतन झील का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है।
- इस स्थान पर धार्मिक आयोजन के साथ-साथ पशु मेले का भी संयोजन किया जाता है। इस पशु मेले में भैंस, ऊंट, घोड़े और मवेशी बेचे जाते हैं। मेले में श्रेष्ठ पशु प्रजानकों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार दिया जाता है।
- कोलायत बीकानेर शहर के दक्षिण-पश्चिम में 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ बीकानेर से कोलायत के लिए एक सीधा रेल मार्ग है। नियमित बसें बीकानेर से कोलायत के लिए चलती हैं।
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