कल्पा
कल्पा
| |
विवरण | 'कल्पा' हिमाचल प्रदेश का एक छोटा-सा गाँव है, जो पहाड़ी सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध है। |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | किन्नौर ज़िला |
भौगोलिक स्थिति | समुद्र तल से लगभग 2758 मीटर की ऊंचाई पर। |
तापमान | सर्दियों में यहाँ का न्यूनतम तापमान -10 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है। |
कब जाएँ | गर्मी के मौसम में, जब यहाँ का तापमान मध्यम रहता है। |
शिमला | |
शिमला | |
शिमला और रामपुर | |
क्या देखें | कामरू फोर्ट, नागा मंदिर, आत्महत्या प्वाइंट आदि। |
अन्य जानकारी | कल्पा के मूल निवासी शॉल और किन्नौरी टोपी बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं। हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियों का सुंदर सामंजस्य कल्पा की संस्कृति में परिलक्षित होता है। |
कल्पा एक छोटा-सा गाँव है, जो हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में स्थित है। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार यह क्षेत्र इतिहास प्रसिद्ध मौर्य साम्राज्य के अधीन था। कालांतर में इस पर मुग़ल साम्राज्य का शासन रहा। हिन्दू एवं बौद्ध धार्मिक संस्कृतियों का मेल यहाँ देखा जा सकता है। कल्पा एक आकर्षक पहाड़ी स्थान है, जो अपनी ख़ूबसूरती से सभी को आकर्षित करता है। यहाँ आने का सबसे उपयुक्त समय गर्मी का है, जब यहाँ का तापमान सामान्य रहता है।
स्थिति
समुद्र तल से लगभग 2758 मीटर की ऊंचाई पर बसा कल्पा पहले किन्नौर क्षेत्र का मुख्यालय था। हालांकि बाद में रेकाँग पेओ शहर से इसे बदल दिया गया था। यहाँ आने वाले यात्री सुंदर सतलुज नदी को महान् हिमालय से नीचे बहते और किन्नौर की चट्टानी सतह से गुजरते देख सकते हैं।[1]
इतिहास
ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार कल्पा क्षेत्र 6वीं शताब्दी में मगध राजवंश के बाद मौर्य साम्राज्य के शासन के अधीन था। इसके अलावा 9वीं और 12वीं शताब्दी में किन्नौर पर तिब्बत के गूग किंगडम द्वारा शासन किया गया था। बाद में मुग़ल बादशाह अकबर ने इस क्षेत्र को अधिगृहीत किया और अपने साम्राज्य के अंतर्गत शामिल किया।
पर्यटन स्थल
स्थानीय भाषा में किन्नर कैलाश पर्वत के रूप में जाना जाने वाला किन्नौर कैलाश पर्वत कल्पा का एक मुख्य आकर्षण है। यह इस क्षेत्र के स्थानीय लोगों द्वारा पवित्र माना जाता है। एक शिवलिंगम, जो 70 मीटर ऊंचा है, इसके शिखर पर है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों की एक बड़ी संख्या को वर्ष भर आकर्षित करता है। बासपा नदी के तट पर स्थित साँगला घाटी यहाँ का अन्य प्रमुख आकर्षण है, जो समुद्र स्तर से 8900 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।[1]
अन्य प्रमुख आकर्षण
यहाँ आने वाले वे यात्री जो वास्तुकला में रुचि रखते हैं, कामरू फोर्ट, नागा मंदिर, और सपनी, जो अपने वास्तु उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध रहे हैं, की यात्रा कर सकते हैं। पर्यटक चीनी गांव भी देख सकते हैं, जो अपनी समृद्ध विरासत और परंपरा के लिए जाना जाता है। समुद्र स्तर से 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, रेकाँग पेओ शहर किन्नौर कैलाश पर्वत का एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। 'आत्महत्या प्वाइंट' एक और प्रमुख स्थान है, जो सेब के बगीचे से सिर्फ 10 मिनट दूर है। साहसिक कार्य के प्रति उत्साही इस क्षेत्र में ट्रेकिंग का भी आनंद ले सकते हैं और स्थान की प्राकृतिक सुंदरता की खोज कर सकते हैं। कल्पा के मूल निवासी ख़ूबसूरती से बुने शॉल और किन्नौरी टोपी बेचकर अपनी आजीविका कमाते हैं। हिन्दू और बौद्ध संस्कृतियों का सुंदर सामंजस्य कल्पा की संस्कृति में परिलक्षित होता है, जो देखने में दिलचस्प है।
कब जाएँ
कल्पा की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गर्मी का मौसम है, जब यहाँ का तापमान मध्यम रहता है। यहाँ गर्मियों के दौरान दर्ज किया गया न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस है। इस जगह मानसून के दौरान अप्रत्याशित वर्षा होती है। इसलिए यात्रियों को यह सुझाव दिया जाता है कि वे इस समय के दौरान कल्पा का दौरा करने के लिये बारिश से बचने के उपाय कर लें। यात्रियों को सर्दियों के दौरान इस जगह की यात्रा का सुझाव नहीं दिया जाता है, क्योंकि उस समय यहाँ का न्यूनतम तापमान -10 डिग्री सेल्सियस के नीचे चला जाता है।[1]
कैसे पहुँचें
यात्री आसानी से वायुमार्ग, रेलवेमार्ग और बस के माध्यम से कल्पा तक पहुँच सकते हैं-
- वायुमार्ग - वे यात्री, जो वायुमार्ग द्वारा यात्रा करने की इच्छा रखते है, उनके लिए कल्पा से नजदीकी हवाई अड्डा 'शिमला' है। यह कल्पा के गांव से 276 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और नई दिल्ली, मुंबई और कुल्लू जैसे प्रमुख शहरों के साथ जुड़ा हुआ है। यात्रियों को शिमला हवाई अड्डे से कल्पा के लिये टैक्सियाँ और कैब आसानी से उपलब्ध हैं।
- रेलमार्ग - कल्पा के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन 'शिमला रेलवे स्टेशन' है, जो लगभग 244 कि.मी. दूर है। यह एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो महत्त्वपूर्ण भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। रेलवे स्टेशन से कल्पा के लिए टैक्सियाँ और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।
- सड़कमार्ग - यात्री सड़क द्वारा भी राष्ट्रीय राजमार्ग 22 के माध्यम से कल्पा पहुँच सकते हैं, जो पोवारी से कल्पा के लिए अलग होती है। यात्री कल्पा के लिए राज्य स्वामित्व वाली और निजी बसों, दोनों को पास के शहरों शिमला और रामपुर से ले सकते हैं। इसके अलावा पर्यटक रोहतांग दर्रे से भी बसों का लाभ ले सकते हैं, जो गर्मी के मौसम में ही खुलता है।[1]
|
|
|
|
|
वीथिका
कल्पा
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 कल्पा, सेब का कटोरा (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 17 जून, 2013।
संबंधित लेख